8th Pay Commission: केंद्रीय सरकार के लाखों कर्मचारियों के लिए निराशाजनक खबर सामने आई है कि 8वें वेतन आयोग में 2.86 फिटमेंट फैक्टर लागू होने पर भी उनकी सैलरी में उतनी बढ़ोतरी नहीं होगी जितनी की उम्मीद की जा रही थी। वर्षों से इंतजार कर रहे सरकारी कर्मचारियों को यह जानकर बड़ा धक्का लगा है कि फिटमेंट फैक्टर अधिक होने का मतलब यह नहीं है कि उनकी सैलरी भी उसी अनुपात में बढ़ेगी। विशेषज्ञों के अनुसार इसके पीछे कुछ तकनीकी कारण हैं जिनसे कर्मचारियों को अवगत होना चाहिए। बढ़ती महंगाई के इस दौर में यह खबर कर्मचारियों के लिए चिंता का विषय बन गई है।
फिटमेंट फैक्टर की वास्तविकता
कर्मचारी संगठन लंबे समय से 8वें वेतन आयोग में उच्च फिटमेंट फैक्टर की मांग कर रहे हैं और उनकी उम्मीदें 2.86 के आंकड़े पर टिकी हुई हैं। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि वास्तव में फिटमेंट फैक्टर 1.92 के आसपास ही तय किया जा सकता है। फिटमेंट फैक्टर का मतलब यह है कि वर्तमान बेसिक सैलरी को इस संख्या से गुणा करके नई सैलरी निकाली जाती है। लेकिन यह प्रक्रिया जितनी सरल लगती है, वास्तव में उतनी सरल नहीं है क्योंकि इसमें कई अन्य कारक भी शामिल होते हैं।
महंगाई भत्ते का समायोजन मुख्य कारण
विशेषज्ञों के अनुसार फिटमेंट फैक्टर का एक बड़ा हिस्सा महंगाई भत्ते के समायोजन में ही चला जाता है। यही कारण है कि अधिक फिटमेंट फैक्टर होने पर भी कर्मचारियों के कुल वेतन में उतनी बढ़ोतरी नहीं होती जितनी अपेक्षा की जाती है। महंगाई भत्ता जो वर्तमान में 55 प्रतिशत चल रहा है, उसे नए वेतन ढांचे में समायोजित किया जाता है। इसी तरह पेंशनर्स को मिलने वाले महंगाई राहत में भी कम वृद्धि होती है। यह तकनीकी प्रक्रिया कर्मचारियों की वास्तविक आय में अपेक्षित वृद्धि को सीमित कर देती है।
पिछले वेतन आयोगों का अनुभव
इस बात को समझने के लिए पिछले वेतन आयोगों के अनुभव को देखना आवश्यक है। छठे वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर केवल 1.86 था जिसे कम माना जा रहा था, लेकिन वास्तव में सैलरी में 54 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई थी। इसके विपरीत 2016 में लागू हुए 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, लेकिन सैलरी में केवल 14 प्रतिशत के आसपास ही वृद्धि हुई। इसका मुख्य कारण यह था कि 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर का बड़ा हिस्सा महंगाई भत्ते और महंगाई राहत के समायोजन में चला गया था।
सरकार की भावी योजना
वर्तमान में केंद्र सरकार 8वें वेतन आयोग के लिए टर्म्स ऑफ रेफरेंस जल्द जारी करने की तैयारी में है। इसके बाद नए वेतन आयोग की अन्य प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाया जाएगा। 7वें वेतन आयोग को लागू हुए अब 10वां साल चल रहा है और 31 दिसंबर 2025 को इसका समय पूरा हो जाएगा। सरकार की परंपरा के अनुसार हर दस साल बाद नया वेतन आयोग लागू किया जाता है। अब संभावना है कि 8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से प्रभावी हो सकता है, हालांकि इस पर अंतिम निर्णय सरकार को ही लेना है।
कर्मचारी संगठनों की चिंताएं
बढ़ती महंगाई के कारण कर्मचारी संगठन सैलरी और पेंशन में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि जीवनयापन की बढ़ती लागत के कारण वर्तमान वेतन अपर्याप्त हो गया है। इसी कारण वे उच्च फिटमेंट फैक्टर की मांग कर रहे हैं ताकि उनकी वास्तविक आय में पर्याप्त वृद्धि हो सके। लेकिन तकनीकी कारणों से यह संभावना कम दिख रही है कि उन्हें अपेक्षित लाभ मिल सके। अभी तक सरकार की ओर से फिटमेंट फैक्टर को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
विशेषज्ञों की राय
वेतन आयोग के विशेषज्ञों का मानना है कि फिटमेंट फैक्टर की संख्या से भ्रम में नहीं पड़ना चाहिए। असली बात यह है कि कर्मचारियों के हाथ में कितना पैसा बचता है और उनकी क्रय शक्ति में कितनी वृद्धि होती है। 1.92 फिटमेंट फैक्टर से मिनिमम बेसिक सैलरी 34,560 रुपये मासिक हो सकती है। हालांकि यह राशि अन्य भत्तों के साथ मिलकर कुल वेतन का हिस्सा बनती है। विशेषज्ञों के अनुसार सरकार को वेतन संरचना में समग्र सुधार पर ध्यान देना चाहिए न कि केवल फिटमेंट फैक्टर की संख्या पर।
भविष्य की संभावनाएं
8वें वेतन आयोग के गठन से पहले सरकार विभिन्न हितधारकों से सुझाव लेगी और तब जाकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। कर्मचारियों को धैर्य रखना होगा और सरकार की आधिकारिक घोषणा का इंतजार करना होगा। हालांकि फिटमेंट फैक्टर से जुड़ी तकनीकी बातों को समझना भी आवश्यक है ताकि अनावश्यक अपेक्षाएं न बनाई जाएं। सरकार निश्चित रूप से कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखते हुए निर्णय लेगी लेकिन वित्तीय अनुशासन भी बनाए रखना होगा।
Disclaimer
यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है। 8वें वेतन आयोग से संबंधित कोई भी आधिकारिक निर्णय अभी तक सरकार द्वारा नहीं लिया गया है। कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे सरकार की आधिकारिक घोषणा का इंतजार करें और अफवाहों पर भरोसा न करें।