DA arrears: केंद्रीय सरकार के लाखों कर्मचारी पिछले कई वर्षों से 18 महीने के रुके हुए महंगाई भत्ते का इंतजार कर रहे हैं। यह बकाया राशि कोरोना काल के दौरान आर्थिक कारणों से रोक दी गई थी। अब कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर यह है कि सरकार इस बकाया राशि को देने पर विचार कर रही है। कर्मचारी संगठनों का मानना है कि आने वाले समय में यह राशि एरियर सहित उनके खाते में आ सकती है। यह निर्णय केंद्रीय कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार लाएगा और उनकी लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करेगा।
सरकार की कर्मचारी हितैषी नीतियां
इस साल केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के हित में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। इनमें सबसे बड़ी घोषणा आठवें वेतन आयोग के गठन की है जो कर्मचारियों के वेतन में भारी वृद्धि लाएगा। इसके अलावा सरकार ने आयकर की सीमा को बढ़ाकर 12.75 लाख रुपये कर दिया है जिससे कर्मचारियों को टैक्स में राहत मिल रही है। अब 18 महीने के बकाया महंगाई भत्ते को लेकर भी सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। कर्मचारी संगठनों का मानना है कि जुलाई में होने वाली महंगाई भत्ते की वृद्धि के साथ ही इस बकाया राशि की घोषणा भी हो सकती है।
कोरोना काल में रुका महंगाई भत्ता
कोविड-19 महामारी का सबसे कठिन दौर 2020 से 2021 तक भारत में रहा था। इस दौरान देश की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट से गुजर रही थी और सरकार के राजस्व में भारी गिरावट आई थी। इन कठिन परिस्थितियों में सरकार ने जनवरी 2020 से जुलाई 2021 तक का 18 महीने का महंगाई भत्ता आर्थिक कारणों से रोकने का फैसला किया था। यह निर्णय उस समय सरकार की मजबूरी थी लेकिन कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ी आर्थिक हानि थी। तब से लेकर अब तक कर्मचारी इस बकाया राशि की मांग करते रहे हैं। हालांकि सरकार ने अब तक विभिन्न कारण बताते हुए इसे देने से मना किया है।
कर्मचारी संगठनों की निरंतर मांग
विभिन्न कर्मचारी संगठन लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं कि 18 महीने का बकाया महंगाई भत्ता तीन किस्तों में दिया जाए। उनका तर्क है कि इससे सरकार पर एक साथ वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा और कर्मचारियों को भी आर्थिक सहारा मिल जाएगा। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि यह राशि कर्मचारियों का वैध हक है और इसे देने में देरी अन्यायपूर्ण है। वे सरकार से अपील कर रहे हैं कि कम से कम इस साल के अंत तक यह बकाया राशि एरियर सहित दे दी जाए। फिलहाल केंद्रीय कर्मचारियों को 55 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है।
जुलाई में होने वाली महंगाई भत्ते की वृद्धि
इस साल की दूसरी महंगाई भत्ते की वृद्धि 1 जुलाई से होने की उम्मीद है। सरकार आमतौर पर इसकी घोषणा नवंबर के महीने में करती है। मार्च तक के उपलब्ध उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार अगला महंगाई भत्ता 3 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। यदि यह वृद्धि हो जाती है तो केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाला कुल महंगाई भत्ता 58 प्रतिशत हो जाएगा। यह वृद्धि कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में और सुधार लाएगी। कर्मचारी संगठनों की उम्मीद है कि इसी समय बकाया महंगाई भत्ते की घोषणा भी हो सकती है।
आठवें वेतन आयोग के साथ महंगाई भत्ते का एकीकरण
आठवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है। इसके साथ ही महंगाई भत्ते के एकीकरण को लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक नया वेतन आयोग लागू होगा तब तक महंगाई भत्ता 58 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। नए वेतन आयोग के लागू होते ही इस महंगाई भत्ते को बेसिक सैलरी के साथ मिला दिया जा सकता है। यह प्रक्रिया पिछले वेतन आयोगों में भी अपनाई गई है। हालांकि सरकार ने अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है लेकिन यह एक सामान्य प्रक्रिया है।
कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव
18 महीने का बकाया महंगाई भत्ता मिलने से केंद्रीय कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार होगा। यह राशि काफी बड़ी होगी और कर्मचारियों को एकमुश्त आर्थिक लाभ देगी। कोरोना काल के दौरान महंगाई में वृद्धि हुई थी लेकिन कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में वृद्धि नहीं मिली थी। इससे उनकी क्रय शक्ति प्रभावित हुई थी। बकाया राशि मिलने से इस नुकसान की भरपाई होगी। कई कर्मचारी इस राशि का उपयोग अपनी पारिवारिक जरूरतों को पूरा करने, बच्चों की शिक्षा या घर की जरूरतों के लिए कर सकेंगे।
भविष्य की संभावनाएं और उम्मीदें
कर्मचारी संगठनों और विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार जल्द ही 18 महीने के बकाया महंगाई भत्ते पर सकारात्मक निर्णय ले सकती है। सरकार की कर्मचारी हितैषी नीतियों को देखते हुए यह उम्मीद बढ़ रही है। हालांकि सरकार को वित्तीय प्रबंधन का भी ध्यान रखना होगा। यदि सरकार तीन किस्तों में यह राशि देने का निर्णय लेती है तो यह एक संतुलित समाधान होगा। इससे कर्मचारियों को न्याय मिलेगा और सरकार पर भी एक साथ बड़ा वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। आने वाले महीनों में इस मामले में कोई ठोस घोषणा की उम्मीद है।
18 महीने का बकाया महंगाई भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो कई वर्षों से लंबित है। कोरोना काल की कठिन परिस्थितियों में रोकी गई यह राशि अब कर्मचारियों को मिलनी चाहिए। सरकार की हाल की नीतियों से लगता है कि वह कर्मचारी कल्याण को प्राथमिकता दे रही है। आठवें वेतन आयोग की घोषणा के साथ-साथ यदि बकाया महंगाई भत्ते की भी घोषणा हो जाती है तो यह कर्मचारियों के लिए दोहरी खुशी की बात होगी। अब सभी की निगाहें सरकार के अगले निर्णय पर टिकी हुई हैं।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। महंगाई भत्ते से संबंधित अंतिम निर्णय सरकार के हाथ में है और यह विभिन्न आर्थिक कारकों पर निर्भर करता है। किसी भी वित्तीय योजना से पहले आधिकारिक सरकारी घोषणाओं की प्रतीक्षा करें। लेखक या प्रकाशक इस जानकारी के उपयोग से होने वाले किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।