Advertisement

अब किराएदार बन जाएगा मकान का मालिक, सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला Supreme Court

By Meera Sharma

Published On:

Supreme Court

Supreme Court: आज के समय में बहुत से लोग अपनी संपत्ति को किराए पर देकर नियमित आय प्राप्त करते हैं। लेकिन कई संपत्ति मालिक केवल किराया लेने तक सीमित रह जाते हैं और अपनी संपत्ति की सुरक्षा के बारे में गंभीरता से नहीं सोचते। यह लापरवाही उन्हें भारी नुकसान पहुंचा सकती है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट का एक महत्वपूर्ण निर्णय सामने आया है जो हर संपत्ति मालिक के लिए जानना आवश्यक है।

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से बताया है कि किन परिस्थितियों में एक किराएदार संपत्ति पर अपना मालिकाना हक जता सकता है। यह फैसला निजी और व्यावसायिक दोनों प्रकार की संपत्तियों पर लागू होता है। इसलिए हर संपत्ति मालिक को इस कानूनी प्रावधान की जानकारी रखना बेहद जरूरी है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

यह भी पढ़े:
Gold Rate 2 महीने बाद इतने का मिलेगा 1 ग्राम सोना Gold Rate

सुप्रीम कोर्ट ने अपने ताज़ा फैसले में साफ़ तौर पर कहा है कि अगर कोई व्यक्ति किसी जमीन या संपत्ति पर लगातार 12 साल तक कब्जा बनाए रखता है, तो उसे उस संपत्ति का मालिक माना जा सकता है। लेकिन यह तभी संभव है जब इन 12 सालों के दौरान मूल संपत्ति मालिक ने अपने मालिकाना हक का दावा न किया हो। यह नियम केवल निजी संपत्तियों पर लागू होता है और सरकारी संपत्तियों पर इसका प्रयोग नहीं किया जा सकता।

इस कानूनी प्रावधान का मतलब यह है कि संपत्ति मालिकों को अपनी संपत्ति पर नियमित निगरानी रखनी चाहिए। अगर वे अपने मालिकाना हक की सुरक्षा नहीं करते हैं, तो उन्हें अपनी संपत्ति खोने का जोखिम उठाना पड़ सकता है। यह फैसला सभी संपत्ति मालिकों के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है।

मालिकाना हक के दावे की शर्तें

यह भी पढ़े:
RBI New Update RBI New Update: नोट छापने में RBI को कितना आता है खर्च, खुद बताई हकीकत

किराएदार या कब्जाधारी द्वारा संपत्ति पर मालिकाना हक का दावा करने के लिए कुछ विशिष्ट शर्तों का पूरा होना आवश्यक है। सबसे पहली शर्त यह है कि संपत्ति मालिक ने 12 साल की अवधि के दौरान कभी भी कब्जे को रोकने या चुनौती देने की कोशिश नहीं की हो। अगर मालिक ने कभी भी अपने अधिकार का प्रयोग किया है, तो यह नियम लागू नहीं होगा।

दूसरी महत्वपूर्ण शर्त यह है कि कब्जाधारी के पास संपत्ति से संबंधित उचित सबूत होने चाहिए। इसमें प्रॉपर्टी डीड, पानी का बिल, बिजली का बिल और अन्य संबंधित दस्तावेज शामिल हैं। तीसरी शर्त यह है कि इन 12 सालों में कब्जाधारी का संपत्ति पर निरंतर कब्जा रहा हो और बीच में कोई रुकावट न आई हो।

प्रतिकूल कब्जा कानून की जानकारी

यह भी पढ़े:
8th Pay Commission 1.3 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ा अपडेट, लेवल-1 से 6 तक होंगे मर्ज, सैलरी में इतना होगा इजाफा 8th Pay Commission

यह कानूनी प्रावधान ब्रिटिश काल के प्रतिकूल कब्जा कानून पर आधारित है, जो आज भी भारत में मान्य है। इस कानून के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति किसी संपत्ति पर बिना किसी बाधा के 12 साल तक रहता है, तो वह उस पर स्वामित्व का दावा कर सकता है। लेकिन इसके लिए उसे न्यायालय में उचित सबूत पेश करने होंगे और साबित करना होगा कि उसका कब्जा वैध था।

यह कानून मूल रूप से उन स्थितियों के लिए बनाया गया था जहाँ संपत्ति मालिक अपनी संपत्ति की देखभाल नहीं करते थे। लेकिन आज के समय में यह कानून संपत्ति मालिकों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। इसलिए हर संपत्ति मालिक को इस कानून की पूरी जानकारी रखनी चाहिए।

संपत्ति विवादों में लागू होने वाली कानूनी धाराएं

यह भी पढ़े:
PM Awas Yojana Gramin Survey पीएम आवास योजना के ग्रामीण फॉर्म भरना शुरू PM Awas Yojana Gramin Survey

संपत्ति संबंधी विवादों में कई महत्वपूर्ण कानूनी धाराएं लागू होती हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 406 के तहत, अगर कोई व्यक्ति आपके भरोसे का फायदा उठाकर आपकी संपत्ति पर कब्जा करता है, तो आप इस धारा के तहत शिकायत दर्ज कर सकते हैं। धारा 467 उन मामलों से संबंधित है जहाँ लोग जाली दस्तावेजों का उपयोग करके संपत्ति पर कब्जा करने की कोशिश करते हैं।

धारा 420 संपत्ति विवादों में धोखाधड़ी और झूठे वादों को कवर करती है। यह धारा उन स्थितियों में उपयोगी है जहाँ संपत्ति की खरीद-बिक्री में धोखाधड़ी हुई हो। संपत्ति मालिकों को इन सभी कानूनी प्रावधानों की जानकारी रखनी चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर वे अपने अधिकारों की सुरक्षा कर सकें।

संपत्ति मालिकों के लिए सुरक्षा उपाय

यह भी पढ़े:
Ration Card List सिर्फ इनको मिलेगा फ्री राशन, राशन कार्ड की ग्रामीण लिस्ट जारी Ration Card List

संपत्ति मालिकों को अपनी संपत्ति की सुरक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय करने चाहिए। सबसे पहले, अपनी संपत्ति पर नियमित निगरानी रखें और किराएदारों के साथ उचित समझौता करें। संपत्ति से संबंधित सभी दस्तावेजों को सुरक्षित रखें और समय-समय पर उनकी जांच करते रहें। अगर कोई व्यक्ति आपकी संपत्ति पर अनधिकृत कब्जा करने की कोशिश करता है, तो तुरंत कानूनी कार्रवाई करें।

किराया समझौते में सभी शर्तों को स्पष्ट रूप से लिखें और नियमित रूप से संपत्ति का निरीक्षण करें। अपने अधिकारों की सुरक्षा के लिए आवश्यक होने पर कानूनी सलाह लें। याद रखें कि लापरवाही आपको अपनी संपत्ति से हाथ धोने पर मजबूर कर सकती है।

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला हर संपत्ति मालिक के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है। संपत्ति का मालिक होना केवल किराया लेने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके साथ कई जिम्मेदारियां भी आती हैं। सही जानकारी और सतर्कता के साथ आप अपनी संपत्ति को सुरक्षित रख सकते हैं और भविष्य में होने वाले विवादों से बच सकते हैं।

यह भी पढ़े:
PM Awas Yojana 1st Installment इस दिन आएगी 40000 रुपए की पहली क़िस्त PM Awas Yojana 1st Installment

Disclaimer

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी कानूनी समस्या के लिए योग्य वकील से सलाह लेना आवश्यक है। लेखक या प्रकाशक इस जानकारी के उपयोग से होने वाले किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।

यह भी पढ़े:
LPG Gas Subsidy Check आ गया पैसा एलपीजी गैस सब्सिडी चेक होना शुरू LPG Gas Subsidy Check

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

Leave a Comment