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एक व्यक्ति अपने कितने बैंक खाते खुलवा सकता है, जान लें RBI के नियम RBI Rule

By Meera Sharma

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RBI Rule

RBI Rule: आज के डिजिटल युग में बैंक खाता केवल एक वित्तीय आवश्यकता नहीं बल्कि जीवन की मौलिक जरूरत बन गया है। सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से लेकर दैनिक लेन-देन तक हर काम के लिए बैंक खाते की आवश्यकता होती है। डिजिटल पेमेंट, ऑनलाइन शॉपिंग और सैलरी ट्रांसफर जैसी सुविधाओं के कारण बैंक खाता आज हर व्यक्ति की प्राथमिक जरूरत है। वर्तमान समय में बिना बैंक खाते के जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल है।

भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे जन धन योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और अन्य सब्सिडी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए भी बैंक खाता अनिवार्य है। यही कारण है कि आज देश में करोड़ों लोगों के पास बैंक खाते हैं और यह संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है।

बैंक खातों के विविध प्रकार और उपयोग

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बैंकिंग प्रणाली में मुख्यतः चार प्रकार के खाते उपलब्ध हैं जो विभिन्न आवश्यकाओं को पूरा करते हैं। सेविंग अकाउंट सबसे लोकप्रिय है जिसका उपयोग व्यक्तिगत बचत के लिए किया जाता है। करंट अकाउंट मुख्यतः व्यापारियों और कंपनियों के लिए होता है जिसमें दैनिक बड़े लेन-देन की सुविधा होती है। सैलरी अकाउंट नौकरीपेशा लोगों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है जो अक्सर जीरो बैलेंस सुविधा के साथ आता है।

जॉइंट अकाउंट पारिवारिक वित्तीय प्रबंधन के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है जहां पति-पत्नी या परिवार के सदस्य संयुक्त रूप से खाता संचालित कर सकते हैं। इस खाते में दो या अधिक व्यक्तियों का नाम होता है और सभी खाताधारक समान अधिकार रखते हैं।

सेविंग अकाउंट की लोकप्रियता और विशेषताएं

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सेविंग अकाउंट भारतीय बैंकिंग प्रणाली में सबसे अधिक उपयोग होने वाला खाता है। यह व्यक्तिगत बचत के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है क्योंकि इसमें जमा राशि पर नियमित ब्याज मिलता है। बैंक अपनी नीति के अनुसार मासिक, त्रैमासिक, छमाही या वार्षिक आधार पर ब्याज का भुगतान करते हैं। वर्तमान में अधिकांश बैंक 3 से 4 प्रतिशत तक वार्षिक ब्याज दर प्रदान करते हैं।

इस खाते में एटीएम कार्ड, चेक बुक, इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। न्यूनतम बैलेंस की आवश्यकता होती है जो बैंक के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। यह खाता व्यक्तिगत वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक होता है।

व्यापारिक और पेशेवर खातों की विशेषताएं

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करंट अकाउंट मुख्यतः व्यापारियों, कंपनियों और व्यावसायिक संस्थानों के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें दैनिक लेन-देन की कोई सीमा नहीं होती और बड़ी मात्रा में पैसे का लेन-देन किया जा सकता है। हालांकि इस खाते में जमा राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलता लेकिन व्यापारिक सुविधाओं के लिए यह सबसे उपयुक्त है। करंट अकाउंट में ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी उपलब्ध होती है।

सैलरी अकाउंट नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए एक विशेष प्रकार का खाता है जो उनके नियोक्ता द्वारा खुलवाया जाता है। इसमें अक्सर जीरो बैलेंस की सुविधा होती है और सैलरी सीधे इसी खाते में ट्रांसफर होती है। यह खाता कर्मचारियों के लिए सबसे सुविधाजनक होता है।

आरबीआई के नियम

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भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार कोई भी व्यक्ति असीमित संख्या में बैंक खाते खुलवा सकता है। यह एक महत्वपूर्ण तथ्य है जिसके बारे में कई लोग अवगत नहीं हैं। आरबीआई ने खातों की संख्या पर कोई प्रतिबंध या सीमा निर्धारित नहीं की है। व्यक्ति अपनी आवश्यकता के अनुसार विभिन्न बैंकों में अलग-अलग प्रकार के खाते खुलवा सकता है।

यह स्वतंत्रता व्यक्तियों को अपनी वित्तीय जरूरतों के अनुसार बैंकिंग सेवाओं का चयन करने में मदद करती है। उदाहरण के लिए कोई व्यक्ति एक बैंक में सेविंग अकाउंट, दूसरे में करंट अकाउंट और तीसरे में किसी विशेष योजना के लिए खाता रख सकता है।

खातों के संचालन में सावधानियां और नियम

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हालांकि खातों की संख्या पर कोई सीमा नहीं है लेकिन प्रत्येक खाते के उचित संचालन के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना आवश्यक है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हर खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना होता है। यदि न्यूनतम बैलेंस नहीं रखा जाता तो बैंक पेनल्टी चार्ज करता है। विभिन्न बैंकों में न्यूनतम बैलेंस की आवश्यकता अलग-अलग होती है।

खाताधारक को सभी खातों की नियमित निगरानी करनी चाहिए और आवश्यक दस्तावेजों को अपडेट रखना चाहिए। केवाईसी नियमों का पालन करना भी अनिवार्य है। यदि कोई खाता लंबे समय तक निष्क्रिय रहता है तो वह डॉर्मेंट हो सकता है जिसे फिर से सक्रिय करवाना पड़ता है।

वित्तीय प्रबंधन में बहु-खाता रणनीति के फायदे

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कई बैंक खाते रखने के अनेक फायदे हो सकते हैं जो व्यक्तिगत वित्तीय प्रबंधन में मदद करते हैं। अलग-अलग उद्देश्यों के लिए अलग खाते रखना एक बेहतरीन रणनीति है। उदाहरण के लिए एक खाता दैनिक खर्चों के लिए, दूसरा बचत के लिए और तीसरा आपातकालीन फंड के लिए रखा जा सकता है। यह वित्तीय अनुशासन बनाए रखने में सहायक होता है।

विभिन्न बैंकों की अलग-अलग सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए भी कई खाते फायदेमंद हो सकते हैं। कुछ बैंक बेहतर ब्याज दरें देते हैं तो कुछ में एटीएम की सुविधा अधिक होती है। इस प्रकार व्यक्ति अपनी सुविधा के अनुसार विभिन्न बैंकों का चयन कर सकता है।

Disclaimer

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यह लेख सामान्य जानकारी और शिक्षा के उद्देश्य से तैयार किया गया है। बैंकिंग नियम और शर्तें समय-समय पर बदलती रहती हैं। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले संबंधित बैंक या वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना उचित होगा। आरबीआई की नवीनतम गाइडलाइन के लिए आधिकारिक वेबसाइट का संदर्भ लें।

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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