Dearness Allowance: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 18 महीने के बकाया डीए एरियर को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है जिसका लाखों कर्मचारी लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। कोविड-19 महामारी के दौरान जनवरी 2020 से जुलाई 2021 तक का महंगाई भत्ता रोक दिया गया था। कर्मचारी संगठनों और व्यक्तिगत कर्मचारियों द्वारा लगातार इस बकाया राशि को एरियर सहित देने की मांग की जा रही थी। हालांकि सरकार ने अब इस मामले पर अपना स्पष्ट रुख व्यक्त किया है। इस अपडेट से कर्मचारियों को पता चल जाएगा कि वे इस बकाया राशि की कितनी उम्मीद रख सकते हैं।
कर्मचारियों की बढ़ती उम्मीदें और आठवां वेतन आयोग
वर्तमान में लाखों केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी वेतन एवं पेंशन की बढ़ोतरी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हाल ही में सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की है जिससे कर्मचारियों में नई उम्मीदें जगी हैं। आठवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 को लागू होने की संभावना है। जनवरी से जून तक की डीए बढ़ोतरी पहले से ही सरकार द्वारा स्वीकृत की जा चुकी है। इसके साथ ही कर्मचारी यह भी उम्मीद कर रहे हैं कि नए वेतन आयोग के साथ-साथ 18 महीने का डीए एरियर भी मिल सकता है। हालांकि इस संबंध में सरकार का रुख अब स्पष्ट हो गया है।
कर्मचारी संगठनों की निरंतर मांग
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की ओर से महंगाई भत्ते और महंगाई राहत के 18 महीने के बकाए को लेकर लगातार मांग की जा रही थी। राष्ट्रीय परिषद संयुक्त सलाहकार समिति के कर्मचारी पक्ष सहित अनेक कर्मचारी संगठनों ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया था। उनका तर्क था कि कोविड काल में कर्मचारियों ने अपनी सेवाएं निरंतर जारी रखी थीं और महंगाई का बोझ भी उन्हें सहन करना पड़ा था। इसलिए रोके गए डीए और डीआर को एरियर सहित देना न्यायसंगत होगा। कर्मचारी संगठनों ने विभिन्न मंचों पर इस मांग को रखा और इसके लिए आंदोलन भी किए।
सरकार का आधिकारिक जवाब और तर्क
केंद्र सरकार ने 18 महीने के डीए बकाया के संबंध में अपना स्पष्ट रुख व्यक्त करते हुए कहा है कि इसे नहीं दिया जाएगा। सरकार ने अपने जवाब में स्पष्ट किया है कि वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था। इस दौरान सरकार को वित्तीय कल्याण के लिए कई आपातकालीन उपाय करने पड़े थे। यह प्रभाव वित्तीय वर्ष 2020-21 से आगे भी जारी रहा और अर्थव्यवस्था लंबे समय तक प्रभावित रही। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि फिलहाल इस संबंध में कोई प्रस्ताव सरकार के पास लंबित नहीं है और न ही सरकार इस पर कोई विचार कर रही है।
आर्थिक परिस्थितियों का प्रभाव
कोविड-19 महामारी के दौरान न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट से गुजरी थी। सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं, वैक्सीनेशन, राहत पैकेज और आर्थिक सहायता योजनाओं पर भारी खर्च करना पड़ा था। इस दौरान सरकारी राजस्व में भी महत्वपूर्ण कमी आई थी क्योंकि आर्थिक गतिविधियां ठप हो गई थीं। इन परिस्थितियों में डीए और डीआर को रोकना एक आर्थिक आवश्यकता थी। सरकार का कहना है कि यह निर्णय वित्तीय अनुशासन बनाए रखने और देश की समग्र आर्थिक स्थिति को देखते हुए लिया गया था। हालांकि बाद में जब स्थिति सामान्य हुई तो डीए की बढ़ोतरी फिर से शुरू कर दी गई।
आठवें वेतन आयोग से नई उम्मीदें
केंद्र सरकार द्वारा आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी मिल चुकी है और जल्द ही इसका गठन होने की संभावना है। सातवें वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों की मूल वेतन में 11 हजार रुपये की बढ़ोतरी की गई थी और उस समय फिटमेंट फैक्टर 2.57 था। मौजूदा महंगाई दर और आर्थिक स्थितियों को देखते हुए इस बार इससे अधिक फिटमेंट फैक्टर की उम्मीद की जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि आठवें वेतन आयोग में कर्मचारियों को बेहतर लाभ मिल सकता है। नया वेतन आयोग न केवल सक्रिय कर्मचारियों बल्कि पेंशनभोगियों के लिए भी फायदेमंद होगा।
फिटमेंट फैक्टर की संभावित दर
आठवें वेतन आयोग में सरकार 2.86 फिटमेंट फैक्टर लागू करने पर विचार कर सकती है जो सातवें वेतन आयोग से काफी बेहतर होगा। इस फिटमेंट फैक्टर के लागू होने से न्यूनतम मूल वेतन 18 हजार रुपये से बढ़कर लगभग 54 हजार रुपये हो सकता है। यह वृद्धि कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण राहत होगी क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में महंगाई दर में काफी वृद्धि हुई है। फिटमेंट फैक्टर में यह बढ़ोतरी कर्मचारियों की वास्तविक आय में सुधार लाएगी। हालांकि यह सब वेतन आयोग की अंतिम सिफारिशों पर निर्भर करेगा जिस पर सरकार अपनी मुहर लगाएगी।
वेतन आयोग की प्रक्रिया और समयसीमा
आठवें वेतन आयोग का गठन जल्द ही होने की उम्मीद है और इसकी सिफारिशें तैयार करने में लगभग दो से तीन साल का समय लग सकता है। वेतन आयोग विभिन्न पहलुओं पर विचार करता है जिसमें मूल वेतन, भत्ते, पेंशन, कार्य परिस्थितियां और आर्थिक स्थिति शामिल है। आयोग कर्मचारी संगठनों, विभागों और विशेषज्ञों से भी सुझाव लेता है। सिफारिशें तैयार होने के बाद सरकार उन पर अपना निर्णय लेती है। यदि सब कुछ समय पर चलता रहा तो 1 जनवरी 2026 से नए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हो सकती हैं।
कर्मचारियों के लिए आगे की राह
18 महीने के डीए बकाया के मामले में सरकार का स्पष्ट इनकार मिलने के बाद कर्मचारियों को अब आठवें वेतन आयोग से ही उम्मीदें रखनी चाहिए। नया वेतन आयोग संभावित रूप से कर्मचारियों को बेहतर वेतन संरचना प्रदान कर सकता है। इस बीच कर्मचारियों को नियमित डीए बढ़ोतरी का लाभ मिलता रहेगा। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि वर्तमान में डीए की दर नियमित रूप से बढ़ाई जा रही है जो महंगाई के अनुपात में है। कर्मचारियों को धैर्य रखकर आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों का इंतजार करना चाहिए जो उनके लिए अधिक फायदेमंद साबित हो सकती है।
Disclaimer
यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी पर आधारित है। सरकारी नीतियां और निर्णय समय के साथ बदल सकते हैं। कृपया आधिकारिक सरकारी घोषणाओं और नोटिफिकेशन्स से नवीनतम जानकारी की पुष्टि करें।