Gold Rate: आज के समय में सोने की कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। साल 2025 की शुरुआत से अब तक सोने के दामों में लगभग 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि इतनी अधिक है कि सोना सभी मुख्य निवेश विकल्पों में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला बन गया है। दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत 98,500 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई है।
इस तेजी का मुख्य कारण अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितताएं हैं। अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक युद्ध की आशंकाएं, रूस-यूक्रेन संघर्ष की स्थिति, और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा स्टील और एल्युमिनियम पर आयात शुल्क दोगुना करने जैसे कारकों ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश की तलाश में सोने की ओर धकेला है। इन सभी कारणों से सोने की मांग बढ़ी और परिणामस्वरूप कीमतें आसमान छूने लगीं।
सोने की तेजी का बाजार पर प्रभाव
सोने की बढ़ती कीमतों का सबसे स्पष्ट प्रभाव आभूषण बाजार पर देखने को मिला है। पिछले 16 वर्षों में पहली बार ऐसी स्थिति आई है जब किसी तिमाही में आभूषणों की बिक्री में 25 प्रतिशत तक की कमी आई है। इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार, केवल दो सप्ताह में सोने के आभूषणों की बिक्री में 30 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
यह स्थिति आम उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय बन गई है। त्योहारी सीजन और शादी-विवाह के मौसम में भी लोग सोना खरीदने से कतरा रहे हैं। सोने के आभूषणों की बिक्री घटकर मात्र 1,600 किलोग्राम रह गई है, जो एक चिंताजनक संकेत है। इससे स्पष्ट होता है कि सोने की ऊंची कीमतों ने आम जनता की खरीदारी क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
विशेषज्ञों की भविष्यवाणी और गिरावट के संकेत
कई प्रतिष्ठित वित्तीय विश्लेषकों और संस्थानों ने सोने की कीमतों में आने वाली गिरावट के स्पष्ट संकेत दिए हैं। कोमर्जबैंक के प्रमुख विश्लेषक कार्स्टन फ्रिट्श का मानना है कि अमेरिका के नॉन-फार्म पे रोल डेटा के मजबूत आने की स्थिति में फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कमी हो सकती है। इस स्थिति में सोने की कीमतों पर दबाव बनेगा और सोने में गिरावट का दौर शुरू हो जाएगा।
ब्रोकरेज हाउस क्वांट म्यूचुअल फंड की ओर से जारी जून 2025 के फैक्टशीट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आने वाले दो महीनों में सोने के दामों में 12 से 15 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिल सकती है। यदि यह अनुमान सही साबित होता है, तो वर्तमान में 98,500 रुपए प्रति 10 ग्राम के भाव से बिक रहा सोना 85,000 रुपए से भी नीचे आ सकता है।
गिरावट के मुख्य कारण और संभावनाएं
विशेषज्ञों के अनुसार सोने ने अपने उच्चतम स्तर को छू लिया है और अब इसमें गिरावट अवश्यंभावी है। डॉलर आधारित मूल्य में 12 से 15 प्रतिशत की गिरावट की प्रबल संभावना है। हालांकि, मध्यम और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो सोना अभी भी सकारात्मक रिटर्न दे सकता है। निवेश पोर्टफोलियो में कीमती धातुओं की भूमिका मजबूत बनी रह सकती है।
यह समय सोना खरीदने वालों के लिए धैर्य का है। जो लोग लंबे समय से सोने की ऊंची कीमतों से परेशान थे, उनके लिए यह अच्छी खबर हो सकती है। आने वाले समय में सोने की कीमतों में आने वाली गिरावट से आम उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है और त्योहारी खरीदारी में भी सुधार देखने को मिल सकता है।
सोने की कीमतों में आने वाली गिरावट एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। जिस तरह से सोने के दामों में असामान्य वृद्धि हुई है, उसके बाद सुधार की प्रक्रिया अपरिहार्य है। यह गिरावट न केवल आम उपभोक्ताओं के लिए राहत लेकर आएगी बल्कि आभूषण उद्योग के लिए भी एक सकारात्मक संकेत होगी। हालांकि निवेशकों को अल्पकालिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टिकोण से सोना एक मजबूत निवेश विकल्प बना रह सकता है।
Disclaimer
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। निवेश संबंधी कोई भी निर्णय लेने से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव बाजार की स्थितियों पर निर्भर करता है और भविष्य की भविष्यवाणियां पूर्णतः सटीक नहीं हो सकतीं।