CIBIL Score: आज के समय में लोन लेना एक आम बात हो गई है। घर खरीदने से लेकर गाड़ी खरीदने तक, हर काम के लिए लोग लोन का सहारा लेते हैं। लेकिन कई बार जिंदगी में ऐसे हालात आ जाते हैं कि EMI भरना मुश्किल हो जाता है। अचानक से नौकरी चली जाना, बीमारी का खर्च, या कोई और वित्तीय समस्या के कारण EMI का भुगतान करना चुनौती बन जाता है। ऐसी स्थिति में सबसे बड़ी चिंता यह होती है कि कहीं सिबिल स्कोर खराब न हो जाए।
सिबिल स्कोर आपकी वित्तीय विश्वसनीयता का पैमाना है। यह 300 से 900 के बीच होता है और जितना यह अच्छा होता है, उतनी ही आसानी से आपको भविष्य में लोन मिल जाता है। अगर यह स्कोर खराब हो जाए तो आगे चलकर किसी भी तरह का लोन या क्रेडिट कार्ड लेना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि EMI की समस्या आने पर तुरंत सही कदम उठाए जाएं।
बैंक मैनेजर से खुली बातचीत करें
जब भी आपको लगे कि EMI भरने में दिक्कत हो सकती है, तो सबसे पहले अपने बैंक मैनेजर से मिलें। कई लोग इस गलतफहमी में रहते हैं कि बैंक वाले उनकी बात नहीं सुनेंगे या उनसे सख्ती से पेश आएंगे। लेकिन यह सच नहीं है। बैंक भी चाहते हैं कि उनका पैसा वापस आ जाए, इसलिए वे ग्राहकों की समस्या का समाधान निकालने में मदद करते हैं।
अपनी वित्तीय कठिनाई के बारे में ईमानदारी से बताएं। यह स्पष्ट करें कि आपने जानबूझकर EMI नहीं छोड़ी है बल्कि मजबूरी है। अगर नौकरी चली गई है तो बताएं कि नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं या कोई बिजनेस शुरू करने की योजना है। अगर किसी बीमारी के कारण खर्च बढ़ गया है तो उसकी जानकारी दें। इससे बैंक मैनेजर को समझ आ जाएगा कि आप वाकई में परेशानी में हैं।
तीसरी किस्त मिस होने से पहले ही सावधान हो जाएं
यह बात बहुत महत्वपूर्ण है कि सिबिल स्कोर तुरंत खराब नहीं होता। पहली या दूसरी EMI मिस होने पर तत्काल सिबिल स्कोर पर बुरा असर नहीं पड़ता। लेकिन अगर लगातार तीन EMI मिस हो जाएं तो फिर सिबिल स्कोर जरूर गिर जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बैंक हर तीन महीने में ग्राहकों की रिपोर्ट सिबिल ब्यूरो को भेजते हैं।
इसलिए अगर आपकी एक या दो EMI छूट गई है तो घबराने की जरूरत नहीं, लेकिन तीसरी EMI से पहले जरूर कोई न कोई व्यवस्था कर लें। बैंक मैनेजर को विश्वास दिलाएं कि आप जल्द ही पैसों का इंतजाम कर लेंगे। अगर संभव हो तो पेंडिंग EMI के साथ-साथ आने वाली EMI भी भर दें। यह दिखाएगा कि आप अपनी जिम्मेदारी को समझते हैं और भविष्य में ऐसी समस्या नहीं होगी।
EMI को होल्ड कराने का विकल्प
अगर आपको पहले से ही पता है कि अगली EMI भरने में दिक्कत होगी, तो EMI होल्ड कराने का विकल्प है। यह एक बहुत ही उपयोगी सुविधा है जिसके बारे में बहुत से लोग नहीं जानते। इसके लिए आपको बैंक में जाकर एक आवेदन देना होता है जिसमें आपको बताना होता है कि क्यों आप EMI नहीं भर पा रहे हैं।
EMI होल्ड कराते समय यह जरूर बताएं कि कब तक आप पैसों का इंतजाम कर लेंगे। अगर आपका कारण वाजिब है और बैंक मैनेजर को लगता है कि आप सच कह रहे हैं, तो वे आपकी EMI को कुछ समय के लिए होल्ड कर सकते हैं। इस दौरान आप पैसों का इंतजाम कर सकते हैं और फिर अपनी EMI का भुगतान कर सकते हैं।
एडवांस से एरियर EMI में बदलाव
आमतौर पर बैंक EMI महीने की शुरुआत में काटते हैं, जिसे एडवांस EMI कहते हैं। लेकिन कई लोगों की सैलरी महीने के अंत में आती है। ऐसे में महीने की शुरुआत में EMI का पैसा अकाउंट में नहीं होता। इस समस्या का समाधान एरियर EMI है, जिसमें आप महीने के अंत में EMI भर सकते हैं।
अगर आपने लोन लेते समय एरियर EMI का विकल्प नहीं चुना था, तो अब भी आप इसे बदलवा सकते हैं। इसके लिए बैंक में आवेदन देना होगा। एरियर EMI का मतलब है कि आप महीने के काम पूरे होने के बाद EMI भरेंगे। यह विकल्प उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है जिनकी आमदनी महीने के अंत में होती है या जिनका कारोबार ऐसा है कि महीने के अंत में पैसा मिलता है।
EMI की समस्या से घबराने की जरूरत नहीं है। सही समय पर सही कदम उठाकर आप अपने सिबिल स्कोर को खराब होने से बचा सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि समस्या छुपाने के बजाय बैंक के साथ खुलकर बात करें। बैंक भी चाहते हैं कि आप अपनी EMI भरते रहें, इसलिए वे आपकी मदद करने को तैयार रहते हैं।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले अपने बैंक या वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें। हर बैंक की अपनी नीतियां होती हैं जो अलग-अलग हो सकती हैं।