DA Hike: देश भर के करोड़ों केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी जुलाई 2025 में होने वाली महंगाई भत्ता वृद्धि का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। मार्च 2025 में महंगाई भत्ते में केवल 2 प्रतिशत की वृद्धि के बाद कर्मचारियों में निराशा देखी गई थी। यह वृद्धि पिछले 78 महीनों में सबसे कम थी, जिससे लगभग 1.2 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी असंतुष्ट हैं। अब वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 55 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
केंद्र सरकार हर साल दो बार महंगाई भत्ते में संशोधन करती है ताकि बढ़ती महंगाई के मुकाबले कर्मचारियों को आर्थिक राहत प्रदान की जा सके। पहली वृद्धि जनवरी में प्रभावी होती है जो मार्च में घोषित की जाती है, जबकि दूसरी वृद्धि जुलाई से लागू होती है जिसकी घोषणा अक्टूबर या नवंबर में की जाती है।
आर्थिक संकेतकों से मिल रही सकारात्मक संकेत
श्रम मंत्रालय के अधीन श्रम ब्यूरो द्वारा जारी किए गए मार्च 2025 के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आंकड़े उत्साहजनक संकेत दे रहे हैं। मार्च में औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 0.2 अंक बढ़कर 143.0 पर पहुंच गया है। यह आंकड़ा जनवरी के 143.2 से थोड़ा कम है, लेकिन फिर भी यह एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। नवंबर 2024 से फरवरी 2025 तक लगातार गिरावट के बाद मार्च में यह मामूली वृद्धि कर्मचारियों के लिए राहत की बात है।
मार्च में वार्षिक महंगाई दर 2.95 प्रतिशत पर रही है। खाद्य पदार्थों की कीमतों में आई मामूली गिरावट के कारण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में यह सुधार देखा गया है। यह आंकड़ा जुलाई 2025 की महंगाई भत्ता वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
सातवें वेतन आयोग के समापन का प्रभाव
31 दिसंबर 2025 को सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, जो एक महत्वपूर्ण कारक है। इस परिस्थिति को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार इस बार जुलाई में महंगाई भत्ते में 3 से 4 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि कर सकती है। यह वृद्धि पिछली बार की तुलना में काफी बेहतर होगी और कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति में सुधार लाएगी। हालांकि अभी तक सरकार की ओर से इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
वेतन आयोग के समापन के साथ ही नए वेतन ढांचे की चर्चा भी तेज हो रही है। इस संक्रमण काल में सरकार कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उदार रुख अपना सकती है।
महंगाई भत्ते की गणना प्रक्रिया
सातवें वेतन आयोग के नियमों के अनुसार महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की गणना 12 महीनों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के औसत के आधार पर की जाती है। यह एक वैज्ञानिक पद्धति है जो वास्तविक महंगाई दर को दर्शाती है। महंगाई भत्ता कर्मचारियों को इसलिए दिया जाता है ताकि बढ़ती कीमतों के प्रभाव को कम किया जा सके और उनकी वास्तविक आय में कमी न आए।
वर्तमान व्यवस्था के तहत साल की पहली महंगाई भत्ता वृद्धि मार्च में घोषित होती है जो 1 जनवरी से प्रभावी होती है। दूसरी वृद्धि अक्टूबर या नवंबर में दिवाली के समय घोषित होती है जो 1 जुलाई से लागू होती है।
कर्मचारियों के लिए आर्थिक राहत की उम्मीद
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए यह समय बेहद महत्वपूर्ण है। बढ़ती महंगाई के दौर में उनकी वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए एक अच्छी महंगाई भत्ता वृद्धि की जरूरत है। छोटे कर्मचारियों से लेकर बड़े अधिकारियों तक सभी को इस वृद्धि का लाभ मिलेगा। अगर सरकार 3 से 4 प्रतिशत की वृद्धि करती है तो यह कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत होगी।
इस संभावित वृद्धि से न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा बल्कि उनका मनोबल भी बढ़ेगा। यह वृद्धि उनकी खरीदारी शक्ति को बनाए रखने में मदद करेगी और अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक प्रभाव डालेगी।
Disclaimer
यह लेख समसामयिक जानकारी और विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है। महंगाई भत्ता वृद्धि की वास्तविक दरें केंद्र सरकार की आधिकारिक घोषणा के बाद ही निर्धारित होंगी। पाठकों से अनुरोध है कि वे सरकारी घोषणाओं का इंतजार करें।