DA Hike July 2025: देश भर के एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए राहत की खबर आई है। केंद्र सरकार जुलाई माह से महंगाई भत्ते में एक बार फिर वृद्धि करने की तैयारी कर रही है। यह इस वर्ष की दूसरी छमाही में होने वाली महंगाई भत्ता वृद्धि होगी। पहली छमाही में जनवरी से जून तक की अवधि के लिए सरकार पहले ही महंगाई भत्ते में बढ़ौतरी कर चुकी है।
सरकारी कर्मचारियों के वेतन में महंगाई भत्ता एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जो बढ़ती महंगाई के कारण उनकी आर्थिक स्थिति को संतुलित रखने में मदद करता है। वर्तमान समय में केंद्रीय कर्मचारियों को उनके मूल वेतन के साथ 55 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है। आने वाले समय में इसमें और भी वृद्धि होने की संभावना है।
AICPI आंकड़ों के आधार पर DA की गणना
महंगाई भत्ते की गणना AICPI-IW यानी औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर की जाती है। मार्च 2025 में जारी आंकड़ों के अनुसार यह सूचकांक 0.2 पॉइंट बढ़कर 143.0 हो गया है। हालांकि यह जनवरी के 143.2 के आंकड़े से कम है, लेकिन नवंबर 2024 से फरवरी 2025 तक की गिरावट के बाद यह सुधार का संकेत दे रहा है।
इन आंकड़ों को देखते हुए केंद्रीय कर्मचारियों में महंगाई भत्ते की अच्छी बढ़ौतरी की उम्मीदें बढ़ गई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में यदि महंगाई का रुख स्थिर रहा तो कर्मचारियों को अपेक्षित लाभ मिल सकता है। AICPI के आंकड़े सरकारी नीति निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सातवें वेतन आयोग का DA फॉर्मूला
सातवें वेतन आयोग द्वारा सुझाए गए फॉर्मूले के अनुसार महंगाई भत्ते की गणना पिछले 12 महीनों के AICPI-IW आंकड़ों के औसत के आधार पर की जाती है। यह फॉर्मूला काफी वैज्ञानिक और तर्कसंगत है क्योंकि यह केवल किसी एक महीने के आंकड़े पर आधारित नहीं है बल्कि पूरे साल के औसत को देखता है।
वर्तमान फॉर्मूला के अनुसार: DA (%) = [(12 महीने का CPI-IW औसत) – 261.42] ÷ 261.42 × 100 की गणना की जाती है। यह फॉर्मूला महंगाई की वास्तविक स्थिति को दर्शाता है और कर्मचारियों को उचित मुआवजा दिलाने में सहायक है। आगामी आठवें वेतन आयोग में इस फॉर्मूले में संशोधन की संभावना भी व्यक्त की जा रही है।
अगली DA वृद्धि की घोषणा का समय
वर्तमान में केवल मार्च 2025 तक के AICPI आंकड़े उपलब्ध हैं। अगली महंगाई भत्ता वृद्धि की सटीक गणना के लिए अगले तीन महीनों के आंकड़ों का इंतजार करना होगा। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगस्त तक सभी आवश्यक आंकड़े उपलब्ध हो जाएंगे। इसके बाद सरकार 12 महीनों का औसत निकालकर महंगाई भत्ते का संशोधन करेगी।
संभावना व्यक्त की जा रही है कि अक्टूबर तक सरकार महंगाई भत्ता वृद्धि की घोषणा कर सकती है। यह घोषणा जुलाई से दिसंबर तक की अवधि के लिए प्रभावी होगी। केंद्रीय कर्मचारी संघों का मानना है कि इस बार की वृद्धि पिछली बार की 2 प्रतिशत वृद्धि से अधिक हो सकती है। सरकार की नीति के अनुसार साल में दो बार महंगाई भत्ते की समीक्षा की जाती है।
अपेक्षित DA वृद्धि की मात्रा
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में इस बात की उम्मीद है कि आगामी महंगाई भत्ता वृद्धि में लगभग 3 प्रतिशत की बढ़ौतरी हो सकती है। यदि ऐसा होता है तो वर्तमान के 55 प्रतिशत महंगाई भत्ते के स्थान पर 58 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा। इससे न केवल कर्मचारियों के वेतन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा बल्कि पेंशनभोगियों की पेंशन भी बढ़ेगी।
हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि AICPI-IW के हालिया आंकड़े अपेक्षा से कम रहे हैं, इसलिए महंगाई भत्ता वृद्धि कम भी हो सकती है। यह संभावित रूप से सातवें वेतन आयोग के तहत अंतिम महंगाई भत्ता वृद्धि मानी जा रही है क्योंकि इसके बाद आठवां वेतन आयोग लागू होने की संभावना है। सरकार की अंतिम घोषणा का इंतजार करना होगा।
आठवें वेतन आयोग की संभावना
सातवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ था और सरकार की परंपरा के अनुसार हर 10 साल में नया वेतन आयोग लागू किया जाता है। इसलिए 31 दिसंबर 2025 तक सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल समाप्त होने की संभावना है। आठवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से प्रभावी हो सकता है।
नए वेतन आयोग के लागू होने से केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन संरचना में व्यापक बदलाव होने की संभावना है। महंगाई भत्ते की गणना का फॉर्मूला भी बदल सकता है। आठवें वेतन आयोग में वेतन वृद्धि, भत्तों में संशोधन और अन्य सुविधाओं में सुधार की उम्मीद की जा रही है। सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं आई है।
DA का बेसिक सैलरी में विलय
आठवें वेतन आयोग के लागू होने पर महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिला दिए जाने की चर्चा हो रही है। यह प्रक्रिया पिछले वेतन आयोगों में भी देखी गई है जहां संचित महंगाई भत्ते को मूल वेतन में जोड़कर नई वेतन संरचना तैयार की जाती है। इससे कर्मचारियों का मूल वेतन बढ़ जाता है और महंगाई भत्ता फिर से शून्य से शुरू होता है।
इस व्यवस्था का फायदा यह है कि कर्मचारियों को मिलने वाले अन्य भत्ते भी बढ़ जाते हैं क्योंकि वे मूल वेतन के प्रतिशत के रूप में मिलते हैं। पेंशन की गणना भी मूल वेतन के आधार पर होती है इसलिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलता है। सरकार साल में दो बार महंगाई भत्ते की समीक्षा करती है जिससे महंगाई के प्रभाव को नियंत्रित रखा जा सकता है।
Disclaimer
यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है और आधिकारिक सरकारी घोषणा नहीं है। महंगाई भत्ता और वेतन आयोग संबंधी अंतिम निर्णय केंद्र सरकार द्वारा लिया जाता है। कोई भी निर्णय लेने से पहले आधिकारिक सूत्रों से जानकारी प्राप्त करें। लेखक या प्रकाशक किसी भी प्रकार की हानि के लिए जिम्मेदार नहीं है।