Gold Rate Hike: सोने के बाजार में इन दिनों तेज उतार-चढ़ाव का दौर चल रहा है जो निवेशकों और आम लोगों दोनों की नजरों में है। जून 2025 की शुरुआत में सोने की कीमतों में रोजाना बदलाव देखा जा रहा है। एक दिन कीमतें बढ़ रही हैं तो दूसरे दिन कम हो रही हैं। यह अस्थिरता वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और राजनीतिक घटनाओं का प्रत्यक्ष परिणाम है। सोने के दाम फिलहाल एक लाख रुपये के आसपास मंडरा रहे हैं जो पहले कभी नहीं देखा गया।
वर्ष 2025 में सोने में जो तेजी देखी गई है वह पिछले कई सालों की तुलना में काफी असाधारण रही है। इस साल की शुरुआत में जहां सोना 76 हजार रुपये के आसपास था, वहीं अब यह एक लाख रुपये के करीब पहुंच गया है। यह लगभग 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाता है जो निवेशकों के लिए एक शानदार रिटर्न साबित हुई है। इस तेजी को देखते हुए अब सवाल यह उठ रहा है कि आने वाले समय में सोने के दाम कहां तक पहुंच सकते हैं।
22 अप्रैल का ऐतिहासिक दिन और उसके बाद की स्थिति
22 अप्रैल 2025 का दिन भारतीय सोना बाजार के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुआ। इस दिन पहली बार सोना एक लाख रुपये की महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक सीमा को पार कर गया था। सर्राफा बाजार में जीएसटी सहित सोने की कीमत एक लाख रुपये से ऊपर चली गई थी। एमसीएक्स पर भी उस दिन सोने के दाम 99,358 रुपये प्रति दस ग्राम तक पहुंच गए थे। यह उपलब्धि भारतीय बाजार के लिए एक नई शुरुआत थी।
हालांकि इस ऐतिहासिक ऊंचाई के बाद सोने के दामों में कुछ सुधार भी आया। कीमतें लगभग 8 प्रतिशत तक गिरीं लेकिन फिर से संभल गईं। यह गिरावट बाजार की प्राकृतिक प्रक्रिया का हिस्सा थी जिसे लाभ बुकिंग कहा जाता है। जब कीमतें तेजी से बढ़ती हैं तो निवेशक अपना मुनाफा निकालते हैं जिससे अस्थायी गिरावट आती है। लेकिन फंडामेंटल कारक मजबूत होने के कारण सोना फिर से अपनी ऊंची कीमतों की ओर लौट रहा है।
2 जून को सोने और चांदी में दिखी तेजी
2 जून 2025 को एमसीएक्स पर सोने और चांदी दोनों में तेजी देखी गई। 5 अगस्त 2025 की डिलीवरी वाला सोना 0.52 प्रतिशत महंगा होकर 96,375 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। इसके साथ ही 5 जुलाई 2025 की डिलीवरी वाली चांदी भी 0.42 प्रतिशत बढ़कर 97,420 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। यह वृद्धि दिखाती है कि कीमती धातुओं में निवेशकों का भरोसा बना हुआ है।
यह तेजी केवल घरेलू बाजार तक सीमित नहीं है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी इसी तरह का रुझान देखा जा रहा है। इससे पता चलता है कि सोने की मांग केवल भारत में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बढ़ रही है। निवेशक अनिश्चितता के दौर में सोने को एक सुरक्षित निवेश मानते हैं जो इसकी कीमतों को ऊपर ले जा रहा है।
सोने की कीमतों में वृद्धि के मुख्य कारण
वर्तमान में सोने की कीमतों में वृद्धि के पीछे कई महत्वपूर्ण कारक काम कर रहे हैं। सबसे प्रमुख कारण यूक्रेन में चल रहा रूसी युद्ध है जिसने वैश्विक राजनीतिक स्थिरता को हिला दिया है। जब भी भू-राजनीतिक तनाव बढ़ता है, निवेशक अपना पैसा सुरक्षित संपत्तियों में लगाते हैं और सोना उनकी पहली पसंद होता है। इस युद्ध ने न केवल यूरोप बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है।
दूसरा महत्वपूर्ण कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापारिक नीतियां हैं। उनकी ओर से आयातित स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ दोगुना करने की धमकी ने बाजारों में अनिश्चितता पैदा की है। ट्रंप के आक्रामक व्यापारिक रुख से वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है। इस अनिश्चितता के कारण निवेशक सोने जैसी सुरक्षित संपत्तियों की ओर रुख कर रहे हैं जो इसकी कीमतों को बढ़ा रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने की स्थिति
वैश्विक स्तर पर देखें तो सोने में तेजी का रुझान साफ नजर आ रहा है। कॉमेक्स पर सोना 0.75 प्रतिशत बढ़कर 3,313.70 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया है। चांदी भी 0.59 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 33.22 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही है। यह दिखाता है कि भारतीय बाजार में जो तेजी दिख रही है वह अंतर्राष्ट्रीय ट्रेंड के अनुकूल है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने की मांग मुख्यतः केंद्रीय बैंकों, निवेश फंडों और व्यक्तिगत निवेशकों से आ रही है। कई देशों के केंद्रीय बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा बढ़ा रहे हैं। चीन, रूस और भारत जैसे देश नियमित रूप से सोना खरीद रहे हैं। यह संस्थागत मांग सोने की कीमतों को मजबूत आधार प्रदान कर रही है।
बाजार विशेषज्ञों के अनुमान और भविष्य की संभावनाएं
बाजार के प्रतिष्ठित विश्लेषक रविंद्र सोनी के अनुसार सोने में वर्तमान तेजी आगे भी जारी रहने की प्रबल संभावना है। उनका मानना है कि 2025 के अंत तक सोने के दाम आराम से 1 लाख 5 हजार से 1 लाख 10 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच पहुंच सकते हैं। यह अनुमान वर्तमान बाजार की गतिविधियों और वैश्विक परिस्थितियों के आधार पर लगाया गया है।
दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखें तो विशेषज्ञों का अनुमान और भी आशावादी है। अगर ट्रंप प्रशासन की नीतियां बाजार में अनिश्चितता बनाए रखती हैं तो सोने के दाम जून 2026 तक 1 लाख 30 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकते हैं। यह अनुमान इस बात पर आधारित है कि राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता निरंतर बनी रहेगी जो सोने की मांग को बढ़ाती रहेगी।
निवेशकों के लिए सुझाव और सावधानियां
वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सोना निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प लग सकता है लेकिन कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। सबसे पहले यह समझना चाहिए कि सोने की कीमतें अस्थिर होती हैं और इनमें अचानक गिरावट भी आ सकती है। निवेश करने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का सही आकलन करें और केवल उतना ही निवेश करें जितना नुकसान बर्दाश्त कर सकें।
सोने में निवेश के कई तरीके हैं जैसे फिजिकल गोल्ड, गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड फंड और डिजिटल गोल्ड। प्रत्येक का अपना फायदा और नुकसान है। लंबी अवधि के निवेशकों के लिए एसआईपी के जरिए नियमित निवेश बेहतर हो सकता है। यह बाजार की अस्थिरता के जोखिम को कम करता है और औसत कीमत पर निवेश की सुविधा देता है।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। सोने में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेश करने से पहले वित्तीय सलाहकार से सलाह लें। कीमतों के अनुमान बाजार विश्लेषण पर आधारित हैं और वास्तविक परिणाम भिन्न हो सकते हैं।