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आ गई रिपोर्ट, अक्तूबर नवंबर तक इतने हो जाएंगे 10 ग्राम गोल्ड के रेट Gold Rate

By Meera Sharma

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Gold Rate

Gold Rate: सोना एक कीमती धातु है जिसके दाम में निरंतर उतार-चढ़ाव होता रहता है। 2025 का साल सोने के लिए अत्यंत शानदार रहा है क्योंकि इसने निवेशकों को 34 प्रतिशत तक का बंपर रिटर्न दिया है। 1 जनवरी 2025 को जब सोना लगभग 76 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर था, तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि यह 22 अप्रैल तक एक लाख रुपये का आंकड़ा पार कर जाएगा। हाल ही में आई रिपोर्ट के अनुसार अगले दो महीनों में सोने के दाम 12 से 15 प्रतिशत तक कम हो सकते हैं।

सोने की कीमतों में इस तरह की तेजी का मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनिश्चितता और निवेशकों का सोने के प्रति बढ़ता रुझान रहा है। जब शेयर बाजार में अस्थिरता बढ़ती है तो लोग अपना पैसा सुरक्षित निवेश में लगाना पसंद करते हैं और सोना इसके लिए सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। हालांकि अब विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतों में कुछ समय के लिए सुधार देखने को मिल सकता है।

2025 में सोने की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि

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इस साल सोने के दामों में जो तेजी देखी गई है वह पिछले कई सालों में सबसे अधिक है। जनवरी से जून तक के 6 महीनों में ही 24 कैरेट सोना 20,983 रुपये महंगा हो चुका है। 76,162 रुपये प्रति 10 ग्राम से शुरू होकर सोना अब 97,145 रुपये पर कारोबार कर रहा है। यह वृद्धि न केवल सोने में बल्कि चांदी में भी देखी गई है जो 86,017 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 1,05,285 रुपये पर पहुंच गई है।

पिछले साल 2024 में सोना 12,810 रुपये महंगा हुआ था लेकिन 2025 में यह वृद्धि उससे कहीं अधिक है। इस तेजी से सोने में निवेश करने वाले लोगों को अच्छा मुनाफा हुआ है लेकिन आम उपभोक्ताओं के लिए यह चुनौती बन गई है। शादी-विवाह और त्योहारों के लिए सोना खरीदने वाले परिवारों को अपने बजट में काफी बढ़ोतरी करनी पड़ी है। सोने की इस महंगाई का सबसे अधिक प्रभाव मध्यम वर्गीय परिवारों पर पड़ा है।

सोने की कीमत बढ़ने के मुख्य कारण

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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापारिक नीतियों में बदलाव और अमेरिका की ओर से लगाए गए नए टैरिफ ने वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता का माहौल बनाया है। इन नीतिगत फैसलों से दुनिया भर के शेयर बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया और निवेशकों में डर का माहौल बना। जब निवेशकों को लगता है कि शेयर बाजार में उनका पैसा सुरक्षित नहीं है तो वे अपना पैसा निकालकर सोने जैसी सुरक्षित संपत्ति में लगाना पसंद करते हैं।

इसके अलावा केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी में वृद्धि भी एक महत्वपूर्ण कारक रहा है। कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा बढ़ाया है जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की मांग बढ़ी है। भारत में भी त्योहारों और शादी-विवाह के सीजन के कारण सोने की मांग हमेशा अधिक रहती है जो कीमतों को बढ़ाने में योगदान देती है।

आने वाले दो महीनों में कीमतों में संभावित गिरावट

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क्वांट म्युचुअल फंड की हाल की रिपोर्ट के अनुसार अगले दो महीनों में सोने के दाम में 12 से 15 प्रतिशत की गिरावट देखी जा सकती है। यह गिरावट मुख्यतः अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिरता आने और निवेशकों के डर में कमी के कारण हो सकती है। जब वैश्विक बाजारों में स्थिरता आती है तो निवेशक दूसरे निवेश विकल्पों की तरफ आकर्षित होते हैं और सोने से पैसा निकालने लगते हैं।

हालांकि यह गिरावट अस्थायी मानी जा रही है और मध्यम से लंबी अवधि के लिए विशेषज्ञ सोने में तेजी का ही अनुमान लगा रहे हैं। इस संभावित गिरावट का मतलब यह है कि जो लोग सोना खरीदना चाह रहे हैं उनके लिए यह एक अच्छा मौका हो सकता है। हालांकि निवेशकों को यह समझना चाहिए कि सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव एक सामान्य प्रक्रिया है और तत्काल निर्णय लेने से बचना चाहिए।

अक्टूबर-नवंबर में फिर से तेजी की संभावना

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सर्राफा कारोबारी राजेश सोनी के अनुसार अक्टूबर-नवंबर का समय भारत में सोने की खरीदारी के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान दीवाली, धनतेरस जैसे त्योहार आते हैं जब परंपरागत रूप से लोग सोना खरीदना शुभ मानते हैं। इसके अलावा यह समय शादी-विवाह का भी सीजन होता है जब सोने की मांग काफी बढ़ जाती है। इन कारकों के चलते अक्टूबर-नवंबर में सोने के दाम एक बार फिर से एक लाख रुपये के करीब पहुंच सकते हैं।

त्योहारी सीजन में सोने की मांग में वृद्धि एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो हर साल देखी जाती है। भारतीय संस्कृति में सोना न केवल एक निवेश है बल्कि शुभता और समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। इसलिए त्योहारों के दौरान लोग अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार सोना खरीदने की कोशिश करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वैश्विक परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो सोने की कीमत एक लाख रुपये को पार भी कर सकती है।

सोना खरीदते समय सावधानियां

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सोना खरीदते समय सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमेशा हॉलमार्क युक्त सोना ही खरीदें। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड का हॉलमार्क सोने की शुद्धता की गारंटी देता है और इससे आप धोखाधड़ी से बच सकते हैं। हॉलमार्क में 6 अंकों का एक विशेष कोड होता है जिसे हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर कहा जाता है। यह नंबर अल्फान्यूमेरिक होता है और इससे सोने की शुद्धता और कैरेट का पता लगाया जा सकता है।

सोना खरीदते समय हमेशा पक्का बिल लें और सोने की वर्तमान दर की जानकारी रखें। अलग-अलग दुकानों में जाकर दाम की तुलना करें और केवल विश्वसनीय सुनार से ही सोना खरीदें। मेकिंग चार्ज के बारे में पहले से पूछताछ कर लें और सोने को बेचते समय बायबैक पॉलिसी के बारे में भी जानकारी ले लें। निवेश के नजरिए से सोना खरीदने वाले लोगों को बाजार की स्थिति और भविष्य के रुझान की जानकारी रखनी चाहिए।

Disclaimer

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इस लेख में दी गई सोने की कीमतों की जानकारी विभिन्न स्रोतों और विशेषज्ञों के अनुमान पर आधारित है। सोने की वास्तविक कीमतें बाजार की स्थिति के अनुसार अलग हो सकती हैं। निवेश संबंधी कोई भी निर्णय लेने से पहले वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना उचित होगा। सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव बाजार की प्राकृतिक प्रक्रिया है और इसमें जोखिम भी शामिल है।

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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