Gold Rate: इस साल सोने के दामों में अभूतपूर्व उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है जो निवेशकों और आम खरीदारों दोनों को परेशानी में डाल रहा है। कभी सोना आसमान छूता दिखाई देता है तो कभी अचानक से भारी गिरावट आ जाती है। यह स्थिति बाजार में अनिश्चितता का माहौल बना रही है और लोग समझ नहीं पा रहे कि सोना खरीदने का सही समय कब है। 9 जून को सोने की कीमतों में प्रति 10 ग्राम 1,427 रुपये की भारी गिरावट दर्ज की गई और 24 कैरेट सोना 95,718 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। यह गिरावट उन लोगों के लिए राहत की बात है जो लंबे समय से सोना खरीदने का इंतजार कर रहे थे।
अमेरिकी नीतियों का प्रभाव
सोने की कीमतों में वृद्धि का मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापारिक नीतियां मानी जा रही हैं। ट्रंप ने दुनियाभर के देशों पर रिसिप्रोकल टैक्स लगाने की घोषणा की थी जिससे वैश्विक बाजारों में हलचल मच गई। इस अनिश्चितता के कारण निवेशकों ने अपना पैसा स्टॉक मार्केट से निकालकर सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में सोने में लगाना शुरू कर दिया। सोने की बढ़ती मांग के कारण इसके दाम तेजी से बढ़े और आम आदमी की पहुंच से दूर हो गए। अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक तनाव का सीधा असर सोने के बाजार पर पड़ता है क्योंकि यह पारंपरिक रूप से सेफ हेवन एसेट माना जाता है।
इस साल की समग्र तस्वीर
वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक सोने की कीमतों में लगभग 19,556 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। 1 जनवरी को जहां 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76,162 रुपये में मिल रहा था, वहीं अब यह 95,718 रुपये तक पहुंच गया है। यह वृद्धि दर्शाती है कि इस साल सोना एक बेहतरीन निवेश विकल्प साबित हुआ है। हालांकि बीच-बीच में गिरावट भी आई है, लेकिन समग्र रूप से सोने का रुख तेजी का ही रहा है। इस तरह की तेज वृद्धि ने सोने को आम आदमी की पहुंच से काफी दूर कर दिया है और अब लोग सोना खरीदने से पहले कई बार सोचने पर मजबूर हैं।
म्यूचुअल फंड की रिपोर्ट और भविष्य की संभावनाएं
हाल ही में आई म्यूचुअल फंड क्वांट की रिपोर्ट के अनुसार अगले दो महीनों में सोने के दामों में 12 से 15 प्रतिशत तक का सुधार हो सकता है। इसका मतलब यह है कि निकट भविष्य में सोने के दाम गिर सकते हैं जो खरीदारों के लिए अच्छी खबर है। हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मध्यम कालीन और लंबी अवधि के लिए सोने का रुख सकारात्मक रहेगा। यह सुझाव देता है कि जो लोग तत्काल सोना खरीदना चाहते हैं, वे कुछ समय इंतजार कर सकते हैं। लेकिन लंबी अवधि के निवेशकों के लिए सोना अभी भी एक आकर्षक विकल्प बना हुआ है।
जॉन मिल्स का आशावादी पूर्वानुमान
अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ जॉन मिल्स का मानना है कि आने वाले समय में सोने के दाम में भारी गिरावट आएगी। उनके अनुसार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सोने के भाव 1,800 डॉलर प्रति औंस तक गिर सकते हैं। मिल्स का तर्क है कि जैसे-जैसे अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक दबाव कम होगा और स्थिति सामान्य होगी, निवेशक दोबारा शेयर बाजार में लौट जाएंगे। इससे सोने की मांग कम हो जाएगी और आपूर्ति अधिक रहेगी, जिसके कारण दाम गिरेंगे। उनके अनुमान के अनुसार जनवरी 2026 तक भारत में सोने के दाम 56,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास आ सकते हैं।
गोल्डमैन सैक्स की विपरीत भविष्यवाणी
वहीं दूसरी ओर अमेरिकी ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स का बिल्कुल अलग मत है। कंपनी के विशेषज्ञों के अनुसार इस साल के अंत तक सोने के दाम 4,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकते हैं। यदि यह पूर्वानुमान सही साबित होता है तो भारत में सोने के दाम 1,38,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकते हैं। यह स्थिति सोने को आम आदमी की पहुंच से बिल्कुल बाहर कर देगी। गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि वैश्विक अनिश्चितता, मुद्रास्फीति की चिंताएं और केंद्रीय बैंकों की नीतियां सोने की मांग को बढ़ाती रहेंगी।
निवेशकों के लिए सुझाव
इन परस्पर विरोधी पूर्वानुमानों के बीच निवेशकों को सावधानी से काम लेना चाहिए। सोने में निवेश करने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का आकलन करना आवश्यक है। यदि आप तत्काल सोना खरीदना चाहते हैं तो बाजार की स्थिति पर नजर रखें और गिरावट का इंतजार करें। लंबी अवधि के निवेशकों के लिए SIP के माध्यम से गोल्ड ETF में निवेश एक बेहतर विकल्प हो सकता है। फिजिकल गोल्ड खरीदते समय हॉलमार्क की जांच करना और विश्वसनीय ज्वेलर से ही खरीदारी करना महत्वपूर्ण है।
बाजार की वर्तमान स्थिति
वर्तमान में सोने का बाजार अत्यधिक अस्थिर है और किसी भी दिशा में तेजी से बदल सकता है। राजनीतिक घटनाक्रम, केंद्रीय बैंकों की नीतियां, डॉलर की मजबूती और वैश्विक आर्थिक स्थिति जैसे कारक सोने की कीमतों को प्रभावित करते रहेंगे। ऐसे में निवेशकों को धैर्य रखना चाहिए और जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए। बाजार की नियमित निगरानी करना और विशेषज्ञों की सलाह लेना फायदेमंद हो सकता है।
Disclaimer
यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है और किसी निवेश सलाह का विकल्प नहीं है। सोने की कीमतें बाजार की स्थिति के अनुसार निरंतर बदलती रहती हैं। निवेश से पहले अपनी जोखिम उठाने की क्षमता का आकलन करें और आवश्यकतानुसार वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।