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आ गई रिपोर्ट, सोने की कीमतों में इतनी आएगी गिरावट Gold rate today

By Meera Sharma

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Gold rate today

Gold rate today: इस वर्ष की शुरुआत से ही सोने ने निवेशकों को चकित कर दिया है। केवल पांच महीनों में सोने की कीमतों में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है जो पिछले कई वर्षों के मुकाबले असाधारण है। आमतौर पर सोना इतना रिटर्न पूरे साल में भी नहीं देता था लेकिन 2025 ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। सोने की कीमतें एक लाख रुपये प्रति दस ग्राम के ऐतिहासिक स्तर को भी छू चुकी हैं। वर्तमान में भी सोना 95,000 रुपये से ऊपर के स्तर पर कारोबार कर रहा है जो इसकी मजबूती को दर्शाता है।

यह तेजी न केवल भारतीय बाजार में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी देखी गई है। निवेशकों के लिए यह एक सुनहरा समय रहा है लेकिन आम खरीदारों के लिए यह चुनौती भरा साबित हुआ है। त्योहारी खरीदारी, शादी-विवाह के मौकों पर सोना खरीदना आम लोगों के लिए मुश्किल हो गया है। इस स्थिति ने बाजार में एक नई बहस छेड़ दी है कि आखिर सोने की कीमतें कब नीचे आएंगी। विशेषज्ञों की राय भी इस मामले में अलग-अलग है लेकिन कुछ संकेत मिल रहे हैं।

विशेषज्ञों की भविष्यवाणी और 9 जुलाई की महत्ता

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बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि 9 जुलाई 2025 के बाद सोने की कीमतों में महत्वपूर्ण गिरावट देखने को मिल सकती है। यह तारीख इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक नीतियों को लेकर स्पष्टता आने की उम्मीद है। वर्तमान में जो अनिश्चितता का माहौल है वह इस दिन के बाद काफी कम हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार कई बड़े देशों के बीच चल रहे टैरिफ युद्ध को लेकर स्थितियां साफ हो जाएंगी।

इस स्पष्टता के कारण निवेशकों का रुख भी बदल सकता है। वर्तमान में अनिश्चितता के कारण लोग सुरक्षित निवेश के रूप में सोने को प्राथमिकता दे रहे हैं। लेकिन जब स्थिति स्पष्ट हो जाएगी तो निवेशक अन्य निवेश विकल्पों की तरफ रुख कर सकते हैं। यह बदलाव सोने की मांग को प्रभावित करेगा और परिणामस्वरूप कीमतों में गिरावट आ सकती है। हालांकि यह केवल अनुमान है और वास्तविक स्थिति इससे अलग भी हो सकती है।

अमेरिकी नीतियों का प्रभाव

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ ने पूरी दुनिया के बाजारों में हलचल मचा दी है। भारत सहित कई बड़े देशों पर लगाए गए इन टैरिफ के कारण अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। हालांकि बाद में ट्रंप ने इन टैरिफ के कार्यान्वयन को 9 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया है। यह निर्णय बाजारों को कुछ राहत देता है लेकिन पूर्ण स्पष्टता अभी भी नहीं है।

इस अनिश्चितता के कारण निवेशक जोखिम से बचने के लिए सोने जैसे सुरक्षित विकल्पों को चुन रहे हैं। सोना हमेशा से ही अनिश्चितता के समय में एक मजबूत निवेश विकल्प माना जाता रहा है। जब तक टैरिफ युद्ध को लेकर स्पष्टता नहीं आती तब तक सोने की मांग बनी रह सकती है। लेकिन एक बार स्थिति साफ हो जाने पर निवेशकों का व्यवहार बदल सकता है। इससे सोने की कीमतों पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है।

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने की स्थिति

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अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोना वर्तमान में 3,270 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर कारोबार कर रहा है। कमोडिटी विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ युद्ध की अनिश्चितता दूर होने के बाद यह स्तर 3,000 डॉलर तक गिर सकता है। यह लगभग 270 डॉलर की गिरावट होगी जो काफी महत्वपूर्ण है। यदि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतों में यह गिरावट आती है तो इसका सीधा प्रभाव भारतीय बाजार पर भी पड़ेगा।

तकनीकी विश्लेषण के अनुसार यदि सोना 3,200 डॉलर का समर्थन स्तर तोड़ता है तो यह सीधे 3,000 डॉलर के स्तर तक जा सकता है। यह गिरावट निवेशकों के लिए नुकसानदायक हो सकती है लेकिन आम खरीदारों के लिए राहत की बात होगी। घरेलू बाजार में इसका मतलब होगा कि सोना 90,000 रुपये प्रति दस ग्राम से भी नीचे आ सकता है। यह अनुमान विभिन्न आर्थिक कारकों पर आधारित है लेकिन बाजार की वास्तविकता इससे अलग भी हो सकती है।

मुद्रा बाजार पर प्रभाव

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टैरिफ युद्ध की अनिश्चितता समाप्त होने के बाद मुद्रा बाजार में भी सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है। वर्तमान में निवेशक अपना पैसा केवल सोने में लगा रहे हैं लेकिन स्थिति स्पष्ट होने पर वे मुद्रा बाजार में भी निवेश करना शुरू कर देंगे। इससे डॉलर इंडेक्स में तेजी आएगी और अन्य मुद्राओं में भी मजबूती देखने को मिलेगी। यह बदलाव सोने की मांग को प्रभावित करेगा।

मुद्रा बाजार में मजबूती आने से निवेशकों के पास अधिक विकल्प उपलब्ध हो जाएंगे। वर्तमान में जो निवेशक अनिश्चितता के कारण सोने में पैसा लगा रहे हैं वे अन्य आकर्षक विकल्पों की तरफ रुख कर सकते हैं। इससे सोने की मांग में कमी आएगी और कीमतों पर दबाव बनेगा। यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होगी लेकिन इसका प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। मुद्रा बाजार की मजबूती सोने के लिए चुनौती बनेगी।

निवेशकों की बदलती प्राथमिकताएं

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अनिश्चितता के दौर में निवेशकों की प्राथमिकता सुरक्षा होती है और इसलिए वे सोने जैसे पारंपरिक सुरक्षित विकल्पों को चुनते हैं। लेकिन जब बाजार में स्थिरता आती है तो उनकी प्राथमिकता बेहतर रिटर्न की तरफ शिफ्ट हो जाती है। शेयर बाजार, बॉन्ड मार्केट और अन्य निवेश विकल्प आकर्षक लगने लगते हैं। यह बदलाव सोने की मांग को कम करता है और परिणामस्वरूप कीमतों में गिरावट आती है।

वर्तमान में सोने में जो भारी निवेश हो रहा है वह मुख्यतः डर और अनिश्चितता की वजह से है। जब यह डर समाप्त हो जाएगा तो निवेशक अधिक रिटर्न देने वाले विकल्पों की तलाश करेंगे। इससे सोने से पैसा निकलेगा और अन्य बाजारों में जाएगा। यह प्रक्रिया सोने की कीमतों के लिए नकारात्मक होगी। हालांकि यह बदलाव तुरंत नहीं होगा बल्कि समय के साथ धीरे-धीरे दिखाई देगा।

घरेलू बाजार पर संभावित प्रभाव

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यदि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में अपेक्षित गिरावट आती है तो भारतीय बाजार भी इससे अछूता नहीं रहेगा। वर्तमान में 95,000 रुपये के आसपास चल रहा सोना 90,000 रुपये से भी नीचे आ सकता है। यह गिरावट उन लोगों के लिए राहत की बात होगी जो लंबे समय से सोना खरीदने की सोच रहे थे। त्योहारी खरीदारी और शादी-विवाह के मौकों पर सोना खरीदना फिर से आसान हो सकता है।

हालांकि यह गिरावट उन निवेशकों के लिए नुकसानदायक होगी जिन्होंने हाल ही में ऊंची कीमतों पर सोना खरीदा है। लेकिन सोना एक दीर्घकालिक निवेश है और अस्थायी गिरावट से चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। भारतीय बाजार में सोने की मांग हमेशा से मजबूत रही है और यह आगे भी बनी रहेगी। रुपये की स्थिति, आयात शुल्क और स्थानीय मांग भी घरेलू कीमतों को प्रभावित करने वाले कारक हैं।

भविष्य की रणनीति और सुझाव

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वर्तमान परिस्थिति में निवेशकों को धैर्य रखने की सलाह दी जाती है। यदि आपने पहले से सोना खरीदा है तो अस्थायी गिरावट से घबराने की जरूरत नहीं है। सोना एक दीर्घकालिक निवेश है और समय के साथ इसकी कीमतें फिर से बढ़ सकती हैं। नए निवेशकों को 9 जुलाई का इंतजार करना चाहिए जब स्थिति अधिक स्पष्ट हो जाएगी। तब वे बेहतर जानकारी के साथ निवेश का फैसला ले सकेंगे।

आम खरीदारों के लिए यह समय इंतजार का है। यदि विशेषज्ञों की भविष्यवाणी सही होती है तो आने वाले महीनों में सोना सस्ता हो सकता है। लेकिन बाजार अप्रत्याशित होता है इसलिए किसी भी निर्णय से पहले अच्छी तरह विचार करना आवश्यक है। निवेश करते समय अपनी वित्तीय स्थिति और जोखिम उठाने की क्षमता को ध्यान में रखना जरूरी है।

Disclaimer

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यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है और इसे निवेश सलाह का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। सोने में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है और कीमतें ऊपर-नीचे हो सकती हैं। निवेश करने से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना आवश्यक है। बाजार की भविष्यवाणियां हमेशा सटीक नहीं होतीं इसलिए अपनी समझ से निर्णय लें।

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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