Gold Rate: इस साल सोने का बाजार लगातार अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है। कभी कीमतें आसमान छूती दिखाई देती हैं तो कभी अचानक से नीचे आ जाती हैं। यह उतार-चढ़ाव न केवल निवेशकों बल्कि आम उपभोक्ताओं के लिए भी चिंता का विषय बन गया है। 28 मई 2025 को सोने के बाजार में दो अलग दिशाओं में गति देखने को मिली है। सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में गिरावट आई है जबकि MCX पर फ्यूचर ट्रेडिंग में सोने ने तेजी दिखाई है।
यह मिश्रित रुझान दर्शाता है कि बाजार में कई तरह की शक्तियां काम कर रही हैं। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सर्राफा बाजार की कीमतें महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे यहीं से सोना खरीदते हैं। वहीं निवेशकों के लिए MCX की कीमतें अधिक महत्वपूर्ण होती हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले एक महीने में सोने की कीमतें एक निश्चित सीमा के भीतर रह सकती हैं। इस स्थिति में समझना जरूरी है कि सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक क्या हैं।
सर्राफा बाजार में गिरावट के कारण
घरेलू सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में गिरावट के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं। सबसे प्रमुख कारण है मांग में कमी। गर्मियों के मौसम में शादी-विवाह के कार्यक्रम कम होते हैं, जिससे सोने की पारंपरिक मांग घट जाती है। भारतीय संस्कृति में सोना शुभ अवसरों से जुड़ा होता है और गर्मियों में इन अवसरों की कमी से बाजार में सुस्ती आ जाती है। इसके अतिरिक्त, अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिति सुधरने से निवेशक सुरक्षित निवेश की बजाय जोखिम भरे निवेश की तरफ रुख कर रहे हैं।
निवेशकों की मानसिकता में भी बदलाव आया है। जब वैश्विक स्थिति अनिश्चित होती है तो लोग सुरक्षित निवेश के रूप में सोना खरीदते हैं। लेकिन जब स्थिति सामान्य होती है तो वे शेयर बाजार और अन्य निवेश विकल्पों की तरफ रुख करते हैं। वर्तमान में भू-राजनीतिक तनाव में कमी आने से सोने की मांग प्रभावित हुई है। डॉलर और रुपये की विनिमय दर में आने वाले उतार-चढ़ाव भी घरेलू सोने की कीमतों को प्रभावित करते हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार का प्रभाव
वैश्विक स्तर पर भी सोने की मांग में कमजोरी देखी जा रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 3,350 डॉलर प्रति औंस से नीचे गिरकर 3,296.92 डॉलर पर पहुंच गई है। यह गिरावट दर्शाती है कि केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सोने की मांग में कमी आई है। अमेरिका की मौद्रिक नीति, यूरोपीय संघ की आर्थिक स्थिति और चीन की विकास दर जैसे कारक वैश्विक सोने की कीमतों को प्रभावित करते हैं।
अमेरिका द्वारा यूरोपीय संघ पर लगाए गए टैरिफ की समयसीमा बढ़ाने के फैसले ने भी बाजार की मानसिकता को प्रभावित किया है। जब व्यापारिक युद्ध की स्थिति शांत होती है तो निवेशक जोखिम लेने को तैयार हो जाते हैं। भू-राजनीतिक तनाव में कमी से डॉलर मजबूत होता है और सोने की मांग कम हो जाती है। वैश्विक मुद्रास्फीति की दर भी सोने की कीमतों को प्रभावित करती है। जब मुद्रास्फीति कम होती है तो सोने की आकर्षण कम हो जाती है।
MCX पर सोने की तेजी
जबकि सर्राफा बाजार में सोने की कीमतें गिर रही हैं, वहीं MCX पर सोने के फ्यूचर में तेजी देखी गई है। 28 मई को शाम 5 बजकर 49 मिनट तक सोने की कीमत 95,520 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गई थी, जो 377 रुपये की बढ़ोतरी दर्शाती है। प्रतिशत के हिसाब से यह 0.40 प्रतिशत की वृद्धि है। दिन के दौरान सोने की न्यूनतम कीमत 95,000 रुपये और अधिकतम कीमत 95,860 रुपये प्रति 10 ग्राम रही।
यह अंतर दर्शाता है कि वायदा बाजार में निवेशकों की सोच अलग है। वायदा बाजार भविष्य की उम्मीदों पर आधारित होता है और यहां के निवेशक मानते हैं कि आने वाले समय में सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं। तकनीकी विश्लेषण के आधार पर भी कई बार वायदा कीमतें स्पॉट कीमतों से अलग दिशा में चलती हैं। MCX पर तेजी का मतलब यह हो सकता है कि बड़े निवेशक भविष्य में सोने की कीमतों में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।
प्रमुख शहरों में सोने के भाव
देश के प्रमुख शहरों में सोने की कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है। दिल्ली में 22 कैरेट सोने की कीमत 600 रुपये गिरकर 89,500 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है, जबकि 24 कैरेट सोना 650 रुपये की गिरावट के साथ 97,630 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया है। मुंबई में भी इसी तरह की स्थिति देखी गई है जहां 22 कैरेट सोना 89,350 रुपये और 24 कैरेट सोना 97,480 रुपये प्रति 10 ग्राम मिल रहा है।
राष्ट्रीय औसत के हिसाब से देखें तो 24 कैरेट सोने की कीमत 97,600 रुपये प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोने की कीमत 89,300 रुपये प्रति 10 ग्राम है। यह गिरावट मंगलवार की तुलना में लगभग 660 रुपये प्रति 10 ग्राम है। विभिन्न शहरों में कीमतों में थोड़ा अंतर स्थानीय करों और परिवहन लागत के कारण होता है। लेकिन समग्र रुझान सभी शहरों में एक समान है।
विशेषज्ञों का भविष्य का अनुमान
बाजार विशेषज्ञों और विश्लेषकों का मानना है कि अगले एक महीने में सोने की कीमतें 94,500 से 96,750 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच में रह सकती हैं। यह अनुमान वर्तमान बाजार की स्थिति, वैश्विक आर्थिक संकेतकों और स्थानीय मांग-आपूर्ति के आधार पर लगाया गया है। इस रेंज के अनुसार सोने की कीमतों में और भी गिरावट आ सकती है। MCX पर भी सोना 94,000 से 97,000 रुपये की रेंज में कारोबार कर सकता है।
यह अनुमान कई कारकों पर आधारित है। पहला, गर्मियों के मौसम में सोने की मांग कम रहने की संभावना है। दूसरा, अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिरता बनी रहने से निवेशकों का रुझान अन्य निवेश विकल्पों की तरफ हो सकता है। तीसरा, मानसून की स्थिति भी सोने की मांग को प्रभावित कर सकती है। अच्छे मानसून से ग्रामीण आय बढ़ सकती है जिससे त्योहारी सीजन में सोने की मांग बढ़ सकती है।
निवेशकों के लिए रणनीति
वर्तमान परिस्थिति में निवेशकों को सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए। यदि आप सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं तो यह समय अनुकूल हो सकता है क्योंकि कीमतें अपेक्षाकृत कम हैं। लेकिन यदि आप सोना बेचने की सोच रहे हैं तो थोड़ा इंतजार करना बेहतर हो सकता है। सोना एक दीर्घकालिक निवेश है इसलिए अस्थायी उतार-चढ़ाव से घबराने की जरूरत नहीं है। भारतीय त्योहारी सीजन के आने से पहले सोने की मांग बढ़ने की संभावना है।
डॉलर कॉस्ट एवरेजिंग की रणनीति अपनाना भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें आप हर महीने एक निश्चित राशि का सोना खरीदते रहते हैं, जिससे कीमतों के उतार-चढ़ाव का प्रभाव कम हो जाता है। सोने की ETF, गोल्ड बॉन्ड जैसे विकल्प भी उपलब्ध हैं जो फिजिकल गोल्ड से अधिक सुविधाजनक हो सकते हैं। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय लक्ष्य और जोखिम उठाने की क्षमता का आकलन जरूर करें।
सोने के बाजार में वर्तमान अस्थिरता एक सामान्य प्रक्रिया है जो कई आंतरिक और बाहरी कारकों से प्रभावित होती है। सर्राफा बाजार में गिरावट उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है जबकि MCX पर तेजी निवेशकों के लिए उत्साहजनक है। अगले महीने की कीमतों का अनुमान 94,500 से 96,750 रुपये की रेंज में है। सोने में निवेश करने वालों को धैर्य रखना चाहिए और बाजार के रुझान को समझकर ही निर्णय लेना चाहिए। याद रखें कि सोना एक सुरक्षित निवेश विकल्प है जो लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न देता है।
Disclaimer
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। सोने की कीमतें बाजार की स्थितियों के अनुसार बदलती रहती हैं और भविष्य की कीमतों का अनुमान लगाना चुनौतीपूर्ण है। निवेश करने से पहले बाजार विशेषज्ञों से सलाह लें और अपनी वित्तीय स्थिति का सही आकलन करें। सोने के भाव में उतार-चढ़ाव एक सामान्य प्रक्रिया है और निवेशकों को इसके लिए तैयार रहना चाहिए। लेखक या प्रकाशक इस जानकारी के उपयोग से होने वाले किसी भी वित्तीय नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।