Gold Rate: इस वर्ष सोने के दामों में जो तेजी देखी गई है, वह पिछले कई दशकों में अभूतपूर्व मानी जा रही है। जो अनुमान साल के अंत तक के लिए लगाए जा रहे थे, वे दाम साल के मध्य में ही पहुंच गए हैं। शुक्रवार को एमसीएक्स पर सोने ने एक लाख रुपये प्रति दस ग्राम का ऐतिहासिक आंकड़ा पार कर लिया है। यह सोने के इतिहास की सबसे बड़ी तेजी मानी जा रही है।
सोने के दाम इतनी तेजी से बढ़े हैं कि आम लोगों के लिए सोना खरीदना अब एक चुनौती बन गया है। मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए सोने की खरीदारी अब एक सपना सा लगने लगा है। इस तेजी ने पूरे सर्राफा बाजार में हलचल मचा दी है और लोग इसके भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
शुक्रवार का रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन
शुक्रवार के दिन एमसीएक्स पर सोने का भाव 99,500 रुपये पर खुला था, जो पिछले दिन के बंद भाव 98,392 रुपये से 1,108 रुपये या 1.12 प्रतिशत अधिक था। दिन भर के कारोबार में सोना 1,00,403 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर पर पहुंचा। रात के समय यह 100,681 रुपये के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।
इसके बाद सोना 100,276 रुपये पर बंद हुआ, लेकिन फिर से 100,314 रुपये पर पहुंचकर अपना कारोबार समाप्त किया। यह पहली बार है जब सोने ने भारतीय बाजार में एक लाख रुपये का आंकड़ा पार किया है। यह उपलब्धि सोने के व्यापारियों और निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है।
सोने की कीमतों में वृद्धि के प्रमुख कारण
सोने के दामों में इस अभूतपूर्व वृद्धि के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं। सबसे प्रमुख कारण मध्य पूर्व में बढ़ते राजनीतिक तनाव और वैश्विक बाजारों में अस्थिरता है। इज़राइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष ने अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अनिश्चितता का माहौल बना दिया है। हाल ही में इज़राइल ने ईरान की परमाणु सुविधाओं पर हमले किए हैं।
इसके अतिरिक्त, अमेरिका में मुद्रास्फीति के कम आंकड़े ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ा रहे हैं। जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो निवेशक सोने जैसी सुरक्षित संपत्तियों की ओर रुख करते हैं। टैरिफ और व्यापारिक युद्ध की स्थिति भी वैसी ही बनी हुई है, जिससे निवेशक इक्विटी बाजार से दूर होकर सोने में निवेश कर रहे हैं।
केंद्रीय बैंकों की भूमिका
विश्व के केंद्रीय बैंक भी लगातार अपने सोने के भंडार बढ़ा रहे हैं, जिससे सोने की मांग में निरंतर वृद्धि हो रही है। जब मांग बढ़ती है और आपूर्ति सीमित रहती है, तो प्राकृतिक रूप से कीमतें बढ़ती हैं। केंद्रीय बैंकों का यह रुख सोने को एक मजबूत आधार प्रदान कर रहा है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता के दौर में सोना हमेशा से एक सुरक्षित निवेश विकल्प माना गया है। डॉलर की कमजोरी और महंगाई की चिंताएं भी सोने की कीमतों को ऊपर की ओर धकेल रही हैं। इन सभी कारकों का संयुक्त प्रभाव सोने के दामों में इस ऐतिहासिक तेजी का कारण बना है।
भविष्य की संभावनाएं और पूर्वानुमान
बैंक ऑफ अमेरिका के विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 12 महीनों में सोना 4,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है। आज के डॉलर की दर के हिसाब से यह भारत में लगभग 1,23,214 रुपये प्रति दस ग्राम से भी अधिक होगा। यह अनुमान वर्तमान कीमतों से काफी ऊपर है और इससे आम लोगों की चिंता और भी बढ़ गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि साल के अंत तक सोना 3,700 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस तक पहुंच सकता है और 2026 के मध्य तक यह 4,000 डॉलर का आंकड़ा छू सकता है। यदि यह पूर्वानुमान सही साबित होता है, तो भारत में सोने की कीमतें और भी चौंकाने वाले स्तर पर पहुंच जाएंगी।
आम लोगों पर प्रभाव
सोने के दामों में यह तेजी आम लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है। त्योहारी सीजन में सोने की खरीदारी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, लेकिन बढ़ती कीमतों के कारण यह अब मुश्किल हो गया है। विवाह-शादी के अवसरों पर सोने की आवश्यकता होती है, लेकिन मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गया है। फ्यूचर गोल्ड में भी तगड़ी बढ़ौतरी हुई है, जो भविष्य में और भी ऊंची कीमतों का संकेत देती है।
Disclaimer
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। सोने में निवेश से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें। बाजार में उतार-चढ़ाव प्राकृतिक है और निवेश में जोखिम शामिल होता है।