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हो जाइए खुश, गिर गए सोने के दाम, इतने का रह गया 24 कैरेट गोल्ड Gold Rate

By Meera Sharma

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Gold Rate

Gold Rate: 29 मई 2025 को सोने के बाजार में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है जब सोने की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई। लंबे समय तक लगातार तेजी के बाद सोना अचानक से नीचे की तरफ आ गया है। यह गिरावट आम ग्राहकों के लिए खुशी की बात है क्योंकि अब वे कम कीमत पर सोना खरीद सकते हैं। पिछले कुछ महीनों से सोने की ऊंची कीमतों के कारण आम लोगों के लिए सोना खरीदना मुश्किल हो गया था। लेकिन अब यह स्थिति बदल गई है और सोने की कीमतें फिर से खरीदारों की पहुंच में आ गई हैं।

इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण निवेशकों का रुख बदलना है। जो निवेशक पहले अनिश्चितता के कारण सोने में पैसा लगा रहे थे, अब वे शेयर बाजार और अन्य निवेश विकल्पों की तरफ वापस लौट रहे हैं। टैरिफ युद्ध में आई नरमी भी इस गिरावट का एक प्रमुख कारण है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में स्थिरता के संकेत मिलने से निवेशकों का विश्वास वापस लौट रहा है। इससे सोने की मांग कम हो रही है और परिणामस्वरूप कीमतों में गिरावट आ रही है।

विशेषज्ञों की सलाह और खरीदारी का मौका

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बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान में सोने की यह गिरावट खरीदारों के लिए एक सुनहरा अवसर है। जो लोग लंबे समय से सोना खरीदने की सोच रहे थे लेकिन ऊंची कीमतों के कारण खरीदारी में देरी कर रहे थे, उनके लिए यह सही समय है। विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि इस गिरावट का फायदा उठाकर जल्द से जल्द सोना खरीद लेना चाहिए। क्योंकि यह स्थिति अस्थायी हो सकती है और कभी भी कीमतें फिर से बढ़ सकती हैं।

एमसीएक्स पर सोने में प्रति दस ग्राम 500 रुपये की गिरावट दर्ज की गई है जो काफी महत्वपूर्ण है। यह गिरावट दिखाती है कि बाजार में कितना बड़ा बदलाव आया है। त्योहारी सीजन में सोना खरीदने की योजना बनाने वाले लोगों के लिए यह बेहद अच्छा समय है। शादी-विवाह के लिए सोना खरीदना अब पहले से आसान हो गया है। हालांकि बाजार की प्रकृति अप्रत्याशित होती है इसलिए निर्णय लेते समय सावधानी बरतनी चाहिए।

सोने में गिरावट और चांदी में तेजी

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दिलचस्प बात यह है कि जब सोने की कीमतों में गिरावट आई है तो चांदी की कीमतों में उछाल देखने को मिला है। यह दिखाता है कि कीमती धातुओं के बाजार में अलग-अलग कारक काम करते हैं। सोने की कीमतों में गिरावट से पहले कुछ दिनों तक सोने की कीमतों में मामूली वृद्धि भी देखी गई थी। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय बाजार की हलचल ने इस रुझान को बदल दिया है। चांदी में आई तेजी से पता चलता है कि निवेशक अभी भी कीमती धातुओं में रुचि रखते हैं।

यह परिस्थिति उन निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकती है जो अपने पोर्टफोलियो को विविधता देना चाहते हैं। सोने की गिरावट का फायदा उठाकर सोना खरीदा जा सकता है और साथ ही चांदी में भी निवेश किया जा सकता है। कीमती धातुओं का यह मिश्रित व्यवहार दिखाता है कि बाजार कितना गतिशील है। निवेशकों को इन सभी कारकों को ध्यान में रखकर अपनी रणनीति बनानी चाहिए।

वर्तमान कीमतों का विस्तृत विश्लेषण

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एमसीएक्स पर गुरुवार को सोने की कीमत 94,500 रुपये प्रति दस ग्राम तक गिर गई है। यह 22 अप्रैल के रिकॉर्ड स्तर 99,358 रुपये की तुलना में लगभग 4,858 रुपये की गिरावट है। यह गिरावट दिखाती है कि बाजार में कितना बड़ा बदलाव आया है। दोपहर 1 बजकर 58 मिनट पर सोना 94,740 रुपये प्रति दस ग्राम पर कारोबार कर रहा था। यह पिछले दिन की तुलना में 538 रुपये कम था जो 0.56 प्रतिशत की गिरावट के बराबर है।

आज के कारोबार में सोने का न्यूनतम स्तर 94,500 रुपये रहा जबकि उच्चतम स्तर 94,900 रुपये तक पहुंचा। सोने की शुरुआत 94,900 रुपये से हुई थी जबकि पिछले दिन यह 95,278 रुपये पर बंद हुआ था। यह डेटा दिखाता है कि बाजार में काफी अस्थिरता है और कीमतें तेजी से बदल रही हैं। इन आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि सोने में अभी भी गिरावट का दबाव बना हुआ है।

डिजिटल सोना खरीदने के आधुनिक तरीके

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आज के डिजिटल युग में सोना खरीदने के तरीके भी बदल गए हैं। अब जरूरी नहीं है कि सोना खरीदने के लिए केवल गहने ही खरीदे जाएं। डिजिटल गोल्ड खरीदने की सुविधा ने सोने में निवेश को बहुत आसान बना दिया है। इसके लिए हजारों रुपये की भी जरूरत नहीं होती बल्कि कम राशि से भी शुरुआत की जा सकती है। एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ के माध्यम से सोना खरीदना एक लोकप्रिय विकल्प बन गया है।

आज किसी भी ब्रोकरेज ऐप के माध्यम से ईटीएफ खरीदा जा सकता है। इसमें रिटर्न खरीदी गई मात्रा के अनुसार मिलता है और भौतिक सोना स्टोर करने की समस्या भी नहीं होती। यह तरीका उन लोगों के लिए बेहद सुविधाजनक है जो सोने में निवेश करना चाहते हैं लेकिन गहने नहीं खरीदना चाहते। डिजिटल गोल्ड में तरलता भी अधिक होती है और जरूरत पड़ने पर आसानी से बेचा जा सकता है। यह आधुनिक निवेश का एक बेहतरीन विकल्प है।

सोने की शुद्धता और गहने बनाने की जानकारी

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सोना खरीदते समय उसकी शुद्धता को समझना बेहद महत्वपूर्ण है। अगर आप गहने बनवाना चाहते हैं तो 22 कैरेट सोना सबसे उपयुक्त माना जाता है। इसमें लगभग 90 प्रतिशत सोना होता है और बाकी 10 प्रतिशत अन्य धातुओं का मिश्रण होता है। इन अन्य धातुओं के कारण गहने मजबूत होते हैं और दैनिक उपयोग के लिए उपयुक्त होते हैं। यही कारण है कि अधिकतर गहने 22 कैरेट सोने से ही बनाए जाते हैं।

वहीं 24 कैरेट सोना सबसे शुद्ध माना जाता है जिसमें 99.9 प्रतिशत सोना होता है। इसलिए इसकी कीमत भी सबसे अधिक होती है। 24 कैरेट सोना निवेश के लिए बेहतर विकल्प है लेकिन गहने बनाने के लिए यह उतना उपयुक्त नहीं होता क्योंकि यह नरम होता है। सोना खरीदते समय अपनी आवश्यकता के अनुसार शुद्धता का चुनाव करना चाहिए। प्रमाणित दुकानों से ही सोना खरीदना सुरक्षित होता है जहां शुद्धता की गारंटी मिलती है।

खरीदारी की रणनीति और सावधानियां

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वर्तमान स्थिति में सोना खरीदने की योजना बनाते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है और कभी भी कीमतें फिर से बढ़ सकती हैं। इसलिए यदि खरीदारी करनी है तो जल्दी करनी चाहिए। लेकिन साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिए कि अपनी वित्तीय क्षमता के अनुसार ही खरीदारी करें। एक साथ बड़ी मात्रा में खरीदारी करने के बजाय चरणबद्ध तरीके से खरीदारी करना बेहतर हो सकता है।

यह भी महत्वपूर्ण है कि सोना खरीदते समय प्रमाणित दुकानों या विश्वसनीय प्लेटफॉर्म का ही चुनाव करें। डिजिटल गोल्ड खरीदते समय प्लेटफॉर्म की विश्वसनीयता की जांच करें। गहने खरीदते समय मेकिंग चार्ज और अन्य छुपे हुए खर्चों के बारे में पूरी जानकारी ले लें। निवेश के उद्देश्य से सोना खरीद रहे हैं तो बाजार की स्थिति पर नजर रखते रहें और सही समय पर निर्णय लें। धैर्य और समझदारी के साथ लिया गया निर्णय हमेशा बेहतर परिणाम देता है।

भविष्य की संभावनाएं और बाजार का दृष्टिकोण

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सोने की कीमतों में आई यह गिरावट के बाद भविष्य में क्या होगा यह एक महत्वपूर्ण सवाल है। विशेषज्ञों का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार की स्थिति और आर्थिक नीतियों के आधार पर सोने की कीमतों की दिशा तय होगी। यदि टैरिफ युद्ध पूरी तरह से समाप्त हो जाता है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता आती है तो सोने की कीमतों में और भी गिरावट आ सकती है। लेकिन यदि कोई नई अनिश्चितता पैदा होती है तो कीमतें फिर से बढ़ सकती हैं।

भारतीय बाजार में सोने की मांग हमेशा से मजबूत रही है और यह आगे भी बनी रहने की संभावना है। त्योहारी सीजन, शादी-विवाह का समय और निवेश की मांग सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाले स्थानीय कारक हैं। रुपये की स्थिति, आयात शुल्क और सरकारी नीतियां भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। निवेशकों को इन सभी कारकों को ध्यान में रखकर अपनी रणनीति बनानी चाहिए और बाजार की गतिविधियों पर नियमित नजर रखनी चाहिए।

Disclaimer

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यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है और इसे निवेश सलाह का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। सोने में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है और कीमतें ऊपर-नीचे हो सकती हैं। कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। बाजार की कीमतें निरंतर बदलती रहती हैं और यह लेख किसी भी वित्तीय गारंटी का आधार नहीं है।

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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