Advertisement

टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत, अब इतने साल पुराने मामले नहीं खोल सकेगा इनकम टैक्स विभाग Income Tax Rules

By Meera Sharma

Published On:

Income Tax Rules

Income Tax Rules: आयकर विभाग के पास करदाताओं के मामलों की जांच करने के व्यापक अधिकार हैं, लेकिन अब इन अधिकारों के दुरुपयोग पर रोक लगाई गई है। हाल के वर्षों में यह देखा गया था कि विभाग के अधिकारी कई बार पुराने कर मामलों को मनमाने तरीके से दोबारा खोलते थे, जिससे करदाताओं को अनावश्यक परेशानी होती थी। नए नियमों के तहत अब आयकर विभाग एक निर्धारित समयसीमा के बाद पुराने मामलों को पुनः नहीं खोल सकेगा। यह बदलाव करदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है क्योंकि अब वे निश्चिंत हो सकेंगे कि एक निश्चित अवधि के बाद उनके पुराने कर मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। इस नई व्यवस्था से कर प्रशासन में पारदर्शिता और निष्पक्षता आएगी।

करदाताओं की समस्याओं की पहचान

प्रत्येक वर्ष करदाताओं को अपनी वार्षिक आय के अनुसार आयकर रिटर्न दाखिल करना होता है, जो एक जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया है। इस पूरी प्रक्रिया में दस्तावेजों का संकलन, गणना, और विभिन्न कानूनी प्रावधानों का पालन करना होता है। जब करदाता इस पूरी मशक्कत के बाद अपना रिटर्न जमा कर देते हैं, तो वे यह उम्मीद करते हैं कि उनका मामला निपट गया है। लेकिन कई बार वर्षों बाद अचानक से आयकर विभाग की तरफ से नोटिस आ जाता था जिसमें पुराने मामलों को दोबारा खोलने की बात होती थी। यह स्थिति करदाताओं के लिए न केवल मानसिक तनाव का कारण बनती थी बल्कि वित्तीय परेशानी भी पैदा करती थी।

यह भी पढ़े:
DA Hike महंगाई भत्ते बढोत्तरी पर अंतिम फैसला, हुआ कन्फर्म इतनी कर्मचारियों की सैलरी में हुई बढ़ोतरी DA Hike

नए नियमों की विस्तृत जानकारी

आयकर कानून में किए गए नए संशोधन के अनुसार, अब आयकर विभाग केवल तीन साल तक के पुराने मामलों को ही दोबारा खोल सकेगा। यह नियम उन सामान्य मामलों पर लागू होता है जहां कोई गंभीर धोखाधड़ी या बड़ी मात्रा में आय छुपाने का मामला नहीं है। तीन साल की यह समयसीमा करदाताओं को एक निश्चितता प्रदान करती है कि इस अवधि के बाद उनके पुराने कर मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। हालांकि, यदि कोई मामला गंभीर फ्रॉड का है या 50 लाख रुपये से अधिक की आय छुपाने का है, तो ऐसे मामलों में विभाग 10 साल तक की अवधि में जांच कर सकता है। यह प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि गंभीर अपराधों को बचने का मौका न मिले, साथ ही छोटे करदाताओं को अनावश्यक परेशानी से बचाव मिले।

दिल्ली उच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण निर्णय

यह भी पढ़े:
Salary Hike सैलरी बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे करोड़ों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को तगड़ा झटका, जानिए कब बढ़ेगा वेतन Salary Hike

दिल्ली उच्च न्यायालय ने आयकर के पुनर्मूल्यांकन मामले में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है जो करदाताओं के हितों की रक्षा करता है। न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि आयकर विभाग अब अपनी मर्जी से कभी भी करदाताओं को नोटिस नहीं भेज सकता है। विभाग को नोटिस भेजने की निर्धारित समयसीमा का सख्ती से पालन करना होगा और इसके लिए वैध कारण होना आवश्यक है। न्यायालय ने धारा 148 के तहत यह निर्णय दिया है और कहा है कि तीन साल बाद 50 लाख रुपये से कम के आयकर मामलों में पुनर्मूल्यांकन नहीं की जा सकती। यह फैसला न्यायिक सुरक्षा प्रदान करता है और आयकर प्रशासन में मनमानी को रोकता है।

न्यायालय की टिप्पणी और करदाताओं को राहत

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के निर्देशों पर आधारित “ट्रैवल बैक इन टाइम” का सिद्धांत कानूनी रूप से मान्य नहीं है। यह सिद्धांत विभाग को पुराने मामलों में वापस जाने की अनुमति देता था, जिसका अब दुरुपयोग नहीं हो सकेगा। न्यायालय की इस टिप्पणी से करदाताओं को यह आश्वासन मिला है कि अब उन्हें किसी भी समय पुराने मामलों के लिए अचानक से नोटिस नहीं मिलेंगे। यह निर्णय विशेष रूप से उन छोटे और मध्यम करदाताओं के लिए राहत की बात है जो बार-बार आयकर विभाग की जांच से परेशान रहते थे। अब वे निश्चिंत होकर अपने व्यापार और व्यक्तिगत कार्यों पर ध्यान दे सकेंगे।

यह भी पढ़े:
Jio 56 Days Recharge Plan जिओ ने शुरू किया 56 दिनों का रिचार्ज प्लान, मिलेगा अनलिमिटेड 5G Data कॉलिंग Jio 56 Days Recharge Plan

पुनर्मूल्यांकन कानून में हुए बदलाव

वर्ष 2021-22 में आयकर पुनर्मूल्यांकन को लेकर एक नया कानून बनाया गया था जो करदाताओं के हितों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया। इससे पहले आयकर मामलों की पुनर्मूल्यांकन छह साल तक की जा सकती थी, जो करदाताओं के लिए एक लंबी अनिश्चितता की अवधि थी। नए कानून में इस अवधि को घटाकर तीन साल कर दिया गया, जो एक सकारात्मक बदलाव है। पहले के समय में अक्सर यह शिकायतें आती थीं कि आयकर विभाग के अधिकारी बिना किसी ठोस आधार के करदाताओं को पुराने मामलों के लिए नोटिस भेज देते थे। अब इस प्रकार की मनमानी पर रोक लग गई है और विभाग को निर्धारित नियमों के अनुसार ही कार्य करना होगा।

करदाताओं की चिंताओं का समाधान

यह भी पढ़े:
DA Hike केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी से सैलरी में 10440 रुपये का इजाफा DA Hike

नए आयकर नियमों के बावजूद भी कुछ करदाताओं में अभी भी संशय बना हुआ है क्योंकि आयकर अधिकारियों की तरफ से एक तर्क दिया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद मई 2022 में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा जारी किए गए एक सर्कुलर के अनुसार कुछ पुराने नोटिस अभी भी वैध हैं। हालांकि, यह स्पष्ट किया जा रहा है कि अब विभाग को नए आयकर कानून में किए गए प्रावधानों के अनुसार ही किसी भी कर मामले की पुनर्मूल्यांकन करनी होगी। यह संशय धीरे-धीरे दूर होगा जब नए नियम पूरी तरह से लागू हो जाएंगे और करदाताओं को इसका व्यावहारिक लाभ दिखने लगेगा।

भविष्य की दिशा और प्रभाव

इन नए नियमों के लागू होने से भारत में कर प्रशासन की गुणवत्ता में सुधार आने की उम्मीद है। करदाताओं को अब यह विश्वास हो गया है कि एक निश्चित समय के बाद उनके कर मामले अंतिम रूप से निपट जाएंगे। यह बदलाव न केवल व्यक्तिगत करदाताओं के लिए बल्कि व्यापारिक समुदाय के लिए भी फायदेमंद है क्योंकि अब वे लंबी अवधि की योजना बना सकेंगे। कर अनुपालन में भी सुधार आने की संभावना है क्योंकि लोग जानते हैं कि उनके सही कार्यों को बार-बार सवालों के घेरे में नहीं लाया जाएगा। इससे कर प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ेगी और करदाताओं तथा सरकार के बीच विश्वास का माहौल बनेगा। अंततः यह सुधार भारत की कर व्यवस्था को अधिक न्यायसंगत और प्रभावी बनाने में योगदान देगा।

यह भी पढ़े:
8th Pay Commission आ गई रिपोर्ट, आठवें वेतन आयोग के लागू होने में लगेगा इतना समय 8th Pay Commission

Disclaimer

यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है और किसी भी कानूनी सलाह का विकल्प नहीं है। आयकर नियमों में बदलाव की जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स और सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है। किसी भी कर संबंधी मामले के लिए कृपया योग्य कर सलाहकार या आयकर विभाग से संपर्क करें। नियमों में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं।

यह भी पढ़े:
DA Hike Updates कर्मचारियों का इतना बढ़ेगा महंगाई भत्ता, एक्सपर्ट ने बता दी पूरी रिपोर्ट DA Hike Updates

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

Leave a Comment