Income Tax: सोने में निवेश को भारत में सबसे सुरक्षित और पारंपरिक निवेश माना जाता है। जब सोने की कीमतें गिरती हैं तो अधिकतर लोग इसे खरीदने का अवसर मानते हैं। लेकिन बहुत से लोगों को यह नहीं पता कि सोने की खरीदारी के लिए सरकार द्वारा कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं। इन नियमों के अनुसार एक निर्धारित राशि से अधिक सोना खरीदते समय पैन कार्ड या आधार कार्ड की आवश्यकता होती है।
सोना एक महंगी धातु है और इसकी खरीदारी में बड़ी मात्रा में पैसा शामिल होता है। इसलिए सरकार ने काले धन और धन शोधन को रोकने के लिए सोने की खरीदारी पर विशेष नियम लागू किए हैं। इन नियमों का उद्देश्य वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता लाना और गैरकानूनी लेनदेन को रोकना है। आम लोगों के लिए इन नियमों की जानकारी रखना आवश्यक है ताकि वे कानूनी समस्याओं से बच सकें।
धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत नियम
सरकार ने 2002 में धन शोधन निवारण अधिनियम बनाया था जिसका मुख्य उद्देश्य महंगी धातुओं की खरीदारी पर नियंत्रण रखना था। इस अधिनियम को 2020 में संशोधित करके रत्न और आभूषणों के क्षेत्र को भी इसके दायरे में लाया गया। इस संशोधन के बाद सोने और अन्य कीमती धातुओं के व्यापारियों को रिपोर्टिंग संस्थाओं के रूप में नामित किया गया।
इन नामित रिपोर्टिंग संस्थाओं को केवाईसी नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। इसका मतलब यह है कि जब भी कोई ग्राहक तय सीमा से अधिक मूल्य का सोना खरीदता है तो व्यापारी को उसकी पहचान सत्यापित करनी होती है। यह व्यवस्था सोने के व्यापार में पारदर्शिता लाने और संदिग्ध लेनदेन की पहचान करने के लिए बनाई गई है।
नामित संस्थाओं की जिम्मेदारियां
धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत नामित संस्थाओं की कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निर्धारित की गई हैं। इन संस्थाओं को 10 लाख रुपये या उससे अधिक के बड़े नकद लेनदेन की रिपोर्ट सरकारी अधिकारियों को देनी होती है। यह रिपोर्टिंग व्यवस्था सरकार को संदिग्ध लेनदेन की पहचान करने में मदद करती है।
इसके अतिरिक्त इनकम टैक्स नियम 1962 के नियम 114बी के अनुसार यदि कोई ग्राहक 2 लाख रुपये या उससे अधिक मूल्य का सोना खरीदता है तो उसे अपने पैन कार्ड की विवरण प्रदान करनी होगी। यह नियम चाहे खरीदारी नकद में हो या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से, दोनों स्थितियों में लागू होता है। व्यापारियों को इन नियमों का कड़ाई से पालन करना होता है अन्यथा उन पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
नकद लेनदेन की सीमा और जुर्माना
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 269एसटी के अनुसार कोई भी व्यक्ति एक दिन में 2 लाख रुपये से अधिक का नकद लेनदेन नहीं कर सकता। यह नियम सोने की खरीदारी पर भी लागू होता है। इसका मतलब यह है कि यदि आप एक दिन में 2 लाख रुपये से अधिक मूल्य का सोना नकद में खरीदते हैं तो यह कानून का उल्लंघन माना जाएगा।
इस नियम का उल्लंघन करने पर आयकर अधिनियम की धारा 271डी के तहत कड़ा जुर्माना लगाया जाता है। जुर्माने की राशि लेनदेन की पूरी राशि के बराबर होती है। उदाहरण के लिए यदि आपने 3 लाख रुपये का सोना नकद में खरीदा है तो आपको 3 लाख रुपये का जुर्माना भी देना पड़ सकता है। यह 100 प्रतिशत जुर्माना व्यवस्था नकद लेनदेन को हतोत्साहित करने के लिए बनाई गई है।
पैन और आधार की आवश्यकता की सीमा
वर्तमान नियमों के अनुसार यदि आप 2 लाख रुपये से कम मूल्य का सोना खरीद रहे हैं तो आपको पैन कार्ड या आधार कार्ड की आवश्यकता नहीं होती। इस राशि से कम की खरीदारी के लिए केवाईसी की भी जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन 2 लाख रुपये या उससे अधिक मूल्य का सोना खरीदते समय आपको अपनी पहचान सत्यापित करानी होगी।
यह नियम चाहे आप नकद भुगतान करें या फिर यूपीआई, क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भुगतान करें, दोनों स्थितियों में लागू होता है। व्यापारी को आपके पैन कार्ड या आधार कार्ड की प्रति अपने पास रखनी होती है। कुछ मामलों में व्यापारी केवल पैन या आधार नंबर भी ले सकते हैं लेकिन दस्तावेज की प्रति रखना अधिक सुरक्षित होता है।
इलेक्ट्रॉनिक भुगतान में भी लागू नियम
एक महत्वपूर्ण बात यह है कि पैन और आधार की आवश्यकता केवल नकद लेनदेन तक सीमित नहीं है। यदि आप 2 लाख रुपये से अधिक मूल्य का सोना इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से खरीदते हैं तो भी आपको पैन या आधार की विवरण देनी होगी। यह नियम डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के साथ-साथ वित्तीय पारदर्शिता भी सुनिश्चित करता है।
क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग या यूपीआई के माध्यम से भुगतान करने पर भी यदि राशि 2 लाख रुपये से अधिक है तो केवाईसी आवश्यक है। व्यापारी को इन सभी लेनदेन का रिकॉर्ड रखना होता है और आवश्यकता पड़ने पर सरकारी अधिकारियों को प्रस्तुत करना होता है। यह व्यवस्था काले धन के उपयोग को रोकने में सहायक है।
सोना खरीदते समय सावधानियां
सोना खरीदते समय हमेशा पक्का बिल लें और उसे सुरक्षित रखें। बिल में सोने की शुद्धता, वजन, दर और कुल राशि का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए। यदि आप 2 लाख रुपये से अधिक का सोना खरीद रहे हैं तो पैन या आधार कार्ड साथ रखें। व्यापारी से हॉलमार्क प्रमाणपत्र भी मांगें जो सोने की गुणवत्ता की गारंटी देता है।
भविष्य में सोना बेचते समय भी इन दस्तावेजों की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए खरीदारी के समय मिले सभी कागजात को संभालकर रखें। यदि आप नियमित रूप से सोना खरीदते हैं तो अलग-अलग दिनों में खरीदारी करके दैनिक सीमा का ध्यान रखें। इससे आप कानूनी समस्याओं से बच सकते हैं और सुरक्षित निवेश कर सकते हैं।
Disclaimer
इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है और यह कानूनी या वित्तीय सलाह नहीं है। सरकारी नियमों में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं। सोना खरीदने से पहले नवीनतम नियमों की जानकारी प्राप्त करें और किसी योग्य वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना उचित होगा। लेखक या प्रकाशक इस जानकारी के आधार पर लिए गए किसी भी निर्णय के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।