RBI Guidelines: आज के डिजिटल युग में एटीएम से पैसे निकालना एक आम बात हो गई है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि एटीएम से पैसे नहीं निकलते लेकिन खाते से पैसे कट जाते हैं। यह स्थिति किसी भी व्यक्ति के लिए परेशानी का कारण बन सकती है, खासकर तब जब आपको तुरंत पैसों की जरूरत हो। कई लोग इस समस्या से परेशान होकर घबरा जाते हैं और समझ नहीं पाते कि क्या करना चाहिए।
लेकिन अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक ने इस समस्या के लिए स्पष्ट नियम बनाए हैं। RBI के इन नियमों के अनुसार बैंक की जिम्मेदारी है कि वह फेल हुए ट्रांजेक्शन का पैसा वापस करे। न केवल पैसा वापस करना होगा बल्कि देरी होने पर हर्जाना भी देना होगा। आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में विस्तार से।
ट्रांजेक्शन फेल होने पर RBI के मुख्य नियम
जब किसी ग्राहक का एटीएम ट्रांजेक्शन फेल हो जाता है और उसके खाते से पैसा कट जाता है तो बैंक की जिम्मेदारी है कि वह तुरंत इस रकम को वापस करे। RBI के नियमों के अनुसार बैंक को शिकायत दर्ज होने के बाद 7 दिनों के अंदर ग्राहक के खाते में पैसा वापस करना होता है। यह समय सीमा सभी प्रकार के बैंकों के लिए बाध्यकारी है चाहे वह सरकारी हो या प्राइवेट।
अगर 7 दिन बाद भी पैसा वापस नहीं आता तो बैंक को रोजाना 100 रुपये के हिसाब से हर्जाना देना होगा। यह हर्जाना तब तक चलता रहेगा जब तक पैसा वापस नहीं हो जाता। लेकिन इसके लिए ग्राहक को 30 दिनों के भीतर शिकायत दर्ज करानी होगी। अगर 30 दिन बाद शिकायत करते हैं तो हर्जाना नहीं मिलेगा।
शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया
ट्रांजेक्शन फेल होने पर सबसे पहले अपने बैंक के कस्टमर केयर से संपर्क करें। इसके लिए आपको ट्रांजेक्शन की पर्ची या खाते का स्टेटमेंट बैंक को देना होगा। यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी के आधार पर बैंक आपकी शिकायत को मान्यता देगा। बैंक आमतौर पर 24 घंटे में पैसे वापसी का भरोसा देते हैं लेकिन कई बार ऐसा नहीं होता।
अगर 7 दिनों के भीतर पैसा वापस नहीं आता तो ग्राहक को एनेक्शर-5 फॉर्म भरना होगा। यह फॉर्म बैंक की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है या बैंक की शाखा से लिया जा सकता है। जिस दिन आप यह फॉर्म भरकर जमा करेंगे उसी दिन से पेनल्टी की गणना शुरू हो जाएगी। यानी अगर फॉर्म भरने के 10 दिन बाद तक पैसा वापस नहीं आया तो बैंक आपको 1000 रुपये हर्जाना देगा।
RBI के स्पष्ट निर्देश और समय सीमा
भारतीय रिजर्व बैंक ने मई 2011 में स्पष्ट निर्देश जारी किए थे कि यदि किसी ग्राहक को एटीएम से पैसे नहीं मिले हैं तो बैंक को सात कार्यदिवसों के भीतर खाते में राशि वापस करनी होगी। इससे पहले यह अवधि 12 दिन थी लेकिन ग्राहकों की सुविधा के लिए इसे घटाकर 7 दिन कर दिया गया। यह नियम सभी प्रकार के एटीएम ट्रांजेक्शन पर लागू होता है।
यह समय सीमा केवल कार्यदिवसों की है यानी शनिवार, रविवार और अन्य छुट्टियों के दिन इसमें शामिल नहीं होते। अगर आपका ट्रांजेक्शन शुक्रवार को फेल हुआ है तो 7 कार्यदिवसों की गिनती अगले सोमवार से शुरू होगी। इसलिए ग्राहकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए और तदनुसार अपनी शिकायत दर्ज कराना चाहिए।
हर्जाने की राशि और भुगतान प्रक्रिया
RBI का स्पष्ट निर्देश है कि बैंकों को जुर्माने की रकम ग्राहक के खाते में खुद डालनी होगी। इसके लिए ग्राहक की तरफ से दावा ठोकने की जरूरत नहीं होगी। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात है क्योंकि पहले ग्राहकों को हर्जाने के लिए अलग से आवेदन करना पड़ता था। अब बैंक की जिम्मेदारी है कि वह अपने आप हर्जाना दे।
खास बात यह है कि जिस दिन फेल्ड ट्रांजेक्शन के पैसे वापस होंगे उसी दिन जुर्माने की रकम भी अकाउंट में क्रेडिट करनी होगी। यानी आपको दो अलग-अलग दिन इंतजार नहीं करना होगा। बैंक को एक साथ मूल राशि और हर्जाना दोनों देना होगा। यह व्यवस्था ग्राहकों की सुविधा के लिए बनाई गई है।
ग्राहक के रूप में आपकी जिम्मेदारियां
एक बैंक ग्राहक के तौर पर आपका डेबिट कार्ड ट्रांजेक्शन फेल होने पर आपको तुरंत अपने बैंक से शिकायत करनी चाहिए। यह बात ध्यान रखने योग्य है कि चाहे एटीएम किसी भी बैंक का हो, शिकायत हमेशा अपने बैंक से ही करनी चाहिए। अगर आपका खाता SBI में है और आपने HDFC के एटीएम से पैसे निकालने की कोशिश की है तो शिकायत SBI से करनी होगी।
ट्रांजेक्शन की पर्ची को संभालकर रखना बहुत जरूरी है। यह आपके दावे का मुख्य सबूत है। अगर पर्ची खो गई है तो एटीएम के पास लगे कैमरे की रिकॉर्डिंग या खाते के स्टेटमेंट से भी काम चल सकता है। बैंक से बात करते समय ट्रांजेक्शन का समय, एटीएम का स्थान और ट्रांजेक्शन की राशि की पूरी जानकारी देनी चाहिए।
शिकायत के अन्य विकल्प
अगर आपका बैंक सहयोग नहीं कर रहा है या समस्या का समाधान नहीं हो रहा है तो आप बैंकिंग लोकपाल से शिकायत कर सकते हैं। बैंकिंग लोकपाल RBI की एक सेवा है जो बैंक और ग्राहक के बीच विवादों का निपटारा करती है। यह सेवा बिल्कुल मुफ्त है और आप ऑनलाइन भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
इसके अलावा RBI के कस्टमर केयर नंबर पर भी शिकायत की जा सकती है। सोशल मीडिया के जमाने में आप अपने बैंक के सोशल मीडिया अकाउंट पर भी शिकायत कर सकते हैं। कई बार बैंक सोशल मीडिया पर जल्दी जवाब देते हैं क्योंकि उनकी छवि का सवाल होता है।
एटीएम ट्रांजेक्शन फेल होना एक आम समस्या है लेकिन अब आपको घबराने की जरूरत नहीं है। RBI के नियम आपके पक्ष में हैं और बैंक की जिम्मेदारी है कि वह आपका पैसा वापस करे। सही जानकारी और सही तरीके से शिकायत करने पर आप न केवल अपना पैसा वापस पा सकते हैं बल्कि हर्जाना भी पा सकते हैं।
Disclaimer
यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। RBI के नियम समय-समय पर बदल सकते हैं, इसलिए किसी भी शिकायत से पहले अपने बैंक या RBI की आधिकारिक वेबसाइट से नवीनतम जानकारी प्राप्त करें। विभिन्न स्थितियों में अलग-अलग नियम लागू हो सकते हैं, इसलिए अपनी विशिष्ट स्थिति के लिए उचित सलाह लें।