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इस स्थिति में टोल बूथ पर नहीं देना पड़ता टोल टैक्स, अधिकतर लोग नहीं जानते नियम Toll Tax

By Meera Sharma

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Toll Tax

Toll Tax: भारत में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर यात्रा करते समय टोल प्लाजा एक आम दृश्य है। ये टोल प्लाजा सड़क अवसंरचना के विकास और रखरखाव के लिए एक महत्वपूर्ण राजस्व स्रोत हैं। वाहन चालकों को इन प्लाजा पर अपने वाहन के प्रकार और यात्रा की दूरी के अनुसार निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होता है। पहले यह प्रक्रिया मैन्युअल थी जिसमें काफी समय लगता था और लंबी कतारें बनती थीं। हालांकि आधुनिक समय में FASTag प्रणाली के आने से यह प्रक्रिया काफी सुगम हो गई है। अब वाहन चालकों को टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ता और स्वचालित रूप से टोल काट लिया जाता है।

FASTag प्रणाली और इसके लाभ

FASTag एक इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली है जो रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन तकनीक पर आधारित है। यह एक छोटा स्टिकर होता है जो गाड़ी के विंडशील्ड पर लगाया जाता है। जब वाहन टोल प्लाजा से गुजरता है तो सेंसर इसे पहचान लेते हैं और स्वचालित रूप से पंजीकृत बैंक खाते या वॉलेट से पैसा काट लेते हैं। इस प्रणाली से न केवल समय की बचत होती है बल्कि ईंधन की खपत भी कम होती है क्योंकि वाहन को टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ता। सरकार ने FASTag को अनिवार्य बनाया है और अब सभी नए वाहनों में यह पहले से ही लगा होता है। यह प्रणाली भ्रष्टाचार को भी कम करती है और पारदर्शिता लाती है।

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देरी की स्थिति में टोल टैक्स की छूट

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नियमों के अनुसार कुछ विशेष परिस्थितियों में वाहन चालकों को टोल टैक्स देने से छूट मिल जाती है। सबसे महत्वपूर्ण नियम यह है कि यदि FASTag के माध्यम से टोल टैक्स कटने में 10 सेकंड से अधिक समय लग रहा है तो वाहन चालक बिना भुगतान किए आगे बढ़ सकता है। यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि तकनीकी समस्या के कारण यात्रियों को परेशानी न हो। इसके अलावा यदि टोल प्लाजा पर 100 मीटर से अधिक लंबी कतार लगी हो तो भी यात्रियों को मुफ्त गुजरने की अनुमति होती है। यह व्यवस्था यातायात की भीड़ को कम करने और यात्रियों की सुविधा के लिए बनाई गई है।

तकनीकी खराबी में मिलने वाली छूट

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कई बार टोल प्लाजा पर FASTag की मशीनें तकनीकी खराबी के कारण काम नहीं करती हैं। ऐसी स्थिति में भी वाहन चालकों को टोल टैक्स देने से छूट मिल जाती है। यह एक उचित व्यवस्था है क्योंकि तकनीकी समस्या की वजह से यात्रियों को नुकसान नहीं उठाना चाहिए। अगर सर्वर डाउन है, इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या है या FASTag रीडर काम नहीं कर रहा है तो टोल प्लाजा के अधिकारी वाहन को बिना चार्ज किए आगे भेजने के लिए बाध्य हैं। हालांकि ऐसी स्थितियों में वाहन चालक को अपनी पहचान दिखानी पड़ सकती है और टोल प्लाजा के रजिस्टर में एंट्री करानी पड़ सकती है।

उच्च पदस्थ अधिकारियों को मिलने वाली छूट

भारत सरकार ने कुछ उच्च पदस्थ अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों को टोल टैक्स से पूर्ण छूट प्रदान की है। इस सूची में सबसे पहले राष्ट्रपति का नाम आता है जिन्हें किसी भी टोल प्लाजा पर शुल्क नहीं देना पड़ता। उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सभी राज्यों के राज्यपालों को भी यह छूट प्राप्त है। न्यायपालिका से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीशों को भी टोल टैक्स से मुक्ति मिली हुई है। लोकसभा अध्यक्ष और केंद्रीय कैबिनेट के सभी मंत्रियों को भी यह सुविधा प्राप्त है। यह छूट केवल आधिकारिक यात्राओं के दौरान ही लागू होती है और व्यक्तिगत यात्राओं पर नहीं।

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राज्य स्तरीय अधिकारियों की छूट

केंद्रीय अधिकारियों के अलावा राज्य स्तर पर भी कुछ पदाधिकारियों को टोल टैक्स से छूट दी गई है। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आधिकारिक यात्राओं के दौरान टोल शुल्क से मुक्ति है। केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों को भी यह सुविधा प्राप्त है। भारत सरकार में सचिव स्तर के अधिकारियों को भी टोल टैक्स देने से छूट मिली हुई है। यह व्यवस्था इसलिए बनाई गई है ताकि सरकारी काम में इन अधिकारियों को किसी प्रकार की बाधा न आए। हालांकि इस छूट का दुरुपयोग न हो इसके लिए सख्त निगरानी की जाती है। इन अधिकारियों के वाहनों पर विशेष नंबर प्लेट होती है जिससे उनकी पहचान हो जाती है।

आपातकालीन सेवाओं की विशेष छूट

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आपातकालीन सेवाओं को भी टोल टैक्स से छूट प्राप्त है। एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस के वाहनों को आपातकालीन ड्यूटी के दौरान टोल प्लाजा से मुफ्त गुजरने की अनुमति है। यह व्यवस्था मानवीय आधार पर बनाई गई है क्योंकि इन सेवाओं में देरी से किसी की जान को खतरा हो सकता है। एम्बुलेंस के मामले में तो यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि मरीज की स्थिति गंभीर हो सकती है। फायर ब्रिगेड को आग बुझाने के लिए तत्काल पहुंचना होता है और पुलिस को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जल्दी मौके पर पहुंचना पड़ता है। इसलिए इन सभी आपातकालीन सेवाओं को टोल प्लाजा पर प्राथमिकता दी जाती है।

सामान्य नागरिकों के लिए उपयोगी जानकारी

आम नागरिकों के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि वे भी कुछ स्थितियों में अपने अधिकारों का उपयोग कर सकते हैं। यदि टोल प्लाजा पर लंबी कतार है या तकनीकी समस्या के कारण देरी हो रही है तो वे मुफ्त गुजरने की मांग कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए धैर्य रखना आवश्यक है और टोल प्लाजा के कर्मचारियों के साथ विनम्र व्यवहार करना चाहिए। यदि कोई अनुचित शुल्क मांगा जा रहा है या नियमों का उल्लंघन हो रहा है तो NHAI की हेल्पलाइन पर शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं। अपने FASTag खाते में पर्याप्त बैलेंस रखना भी जरूरी है ताकि टोल प्लाजा पर कोई समस्या न आए।

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भविष्य की संभावनाएं और सुधार

भारत सरकार लगातार टोल प्रणाली में सुधार के लिए काम कर रही है। भविष्य में GPS आधारित टोल सिस्टम लाने की योजना है जिसमें वास्तविक दूरी के आधार पर शुल्क लिया जाएगा। इससे न केवल टोल प्लाजा की आवश्यकता कम होगी बल्कि ज्यादा न्यायसंगत शुल्क व्यवस्था भी बनेगी। कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग का उपयोग करके ट्रैफिक फ्लो को बेहतर बनाया जा सकता है। डिजिटल इंडिया की पहल के तहत सभी टोल प्लाजा को पूरी तरह से डिजिटल बनाने का लक्ष्य है। इससे भ्रष्टाचार में कमी आएगी और पारदर्शिता बढ़ेगी। आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों को टोल टैक्स में छूट देने पर भी विचार किया जा रहा है।

Disclaimer

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यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। टोल टैक्स के नियम समय-समय पर बदल सकते हैं। नवीनतम नियमों की जानकारी के लिए NHAI की आधिकारिक वेबसाइट देखें या संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें। लेखक या प्रकाशक इस जानकारी के उपयोग से होने वाले किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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